जयपुर। कोरोना महामारी पर काबू पाने के प्रयासों के तहत जारी लॉकडाउन के बीच राजस्थान में शराब की दुकानें खोलने और शराब की बिक्री की अनुमति दिए जाने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में राजस्थान सरकार के शराब की बिक्री के फैसले को चुनौती दी गई है।

एडवोकेट निखिलेश कटारा की ओर से दायर कि गयी जनहित याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव,आबकारी सचिव और आबकारी आयुक्त को मामले में पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया कि राज्य में 2 मई को एक आदेश जारी कर 4 मई से शराब की दुकानें खोलने एवं शराब की बिक्री की अनुमति दे दी। जबकि इस रह का आदेश विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन के खिलाफ है।

गाइडलाइन में संक्रमण रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने की बात कही गई है। इसके बावजूद दुकानें खोली गई और दुकानों पर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हुई । इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया । भीड़ के चलते लगातार सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है जिससे कोरोना का संक्रमण प्रदेश में खतरा और भी बढ़ गया है।

कोरोना महामारी पर काबू पाने के प्रयासों के तहत जारी लॉकडाउन के बीच राजस्थान में शराब की दुकानें खोलने और शराब की बिक्री की अनुमति दिए जाने के खिलाफ राजस्थाना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में राजस्थान सरकार के शराब की बिक्री के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका में लॉक डाउन के दौरान शराबों की दुकानों को बंद कर शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाने की गुहार की गयी है। इसके साथ ही शराब की बिक्री के लिए कोई वैकल्पिक होम डिलेवरी या अन्य कोई व्यवस्था करने का आग्रह किया गया है। इस याचिका पर इस सप्ताह के अंत मे सुनवाई हो सकती है ।

उल्लेखनीय है कि शराब की दुकानें खुलने के बाद दिल्ली और मध्यप्रदेश में हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। राजस्थान में शराब की बिक्री से तीन दिन में करीब 200 करोड़ रुपये का राजस्व आबकारी विभाग को मिला है।