जयपुर। कोविड की मार के बीच अब प्रदेश में बर्ड फ्लू का खतरा भी मंडरा रहा है, जिसके चलते प्रदेश का वन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। वन विभाग ने मुकुंदरा हिल्स सहित सभी प्रदेश के सभी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, नेशनल पार्क और वन्यजीव क्षेत्रों में जारी किया हाई अलर्ट जारी कर दिया है। दरअसल मामला है झालावाड़ जिले का, जहां राड़ी के बालाजी क्षेत्र में मृत पाए गए तकरीबन 50 कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। क्षेत्र में लगातार हो रही कौओं की मौत के बाद प्रशासन ने इनके सैम्पल भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजे थे। जहां से कौओं के सैम्पल में एवियन इंफ्लूएंजा रोग की पुष्टि हुई है।
मामले की पुष्टि होते ही क्षेत्र में सीसीएफ झालावाड़ मनोज पाराशर ने वन मंडल, वन्यजीव और मुकुंदरा हिल्स में हाई अलर्ट जारी कर दिया। पाराशर ने बताया कि झालावाड़ में कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई हैं। डीसीएफ को आसपास के तालाब सहित अन्य एरिया में निगरानी रखने और एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। बूंदी, बारां एरिया में भी डीसीएफ को सावधानी बरतने और चौकसी रखने के निर्देश दिए हैं। बूंदी, बारां और झालावाड़ के अलावा मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व एरिया में भी स्टाफ को अलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही वन विभाग ने भी त्वरित हरकत में आते हुए प्रदेश के अन्य सभी वन्यजीव क्षेत्रों, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, नेशनल पार्क में भी हाईअलर्ट घोषित कर दिया। विभाग ने सभी अधिकारियों और कार्मिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं साथ ही हिदायत दी है कि किसी भी वन्यजीव या पक्षी में एवियन फ्लू के लक्षण दिखते हैं या किसी की मृत्यु होती है तो इसकी तत्काल मॉनिटरिंग की जाए। संदिग्ध पक्षी और वन्यजीव का इलाज के साथ उनके रक्त नमूने लेकर भोपाल स्थित इंस्टीट्यूट फॉर हायर सिक्योरिटी एनिमल डिजीज को भेजे जाएं। वहीं स्थानीय प्रशासन ने भी रेपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया है।
इंसानों में फैल सकती है बीमारी
आपको बता दें कि एवियन इंफ्लूएंजा एक तरह से बर्ड फ्लू होता है। यह वायरस से होने वाली बीमारी है जो एक पक्षी से दूसरे पक्षी में फैलती है। पक्षियों से यह बीमारी इंसानों को हो सकती है। एवियन इंफ्लूएंजा एक खतरनाक बीमारी है जो खाद्य उत्पादन करने वाले पक्षियों सहित पालतू पक्षियों और जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों को प्रभावित करती है। जब यह मानव को प्रभावित करता है तो इसे इंफ्लूएंजा कहा जाता है।
बर्ड फ्लू से मुक्त घोषित है भारत
देश में पहली बार 2006 में महाराष्ट्र में 28 स्थानों और गुजरात में एक स्थान पर यह बीमारी फैली थी।
इस दौरान करीब 10 लाख पक्षियों को मारा गया था और करीब 2.7 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया था।
देश में अब तक 49 बार अलग अलग राज्यों में यह बीमारी फैली है और करीब 83.5 पक्षियों को मारा गया है
अक्तूबर 2016 और फरवरी 2017 के दौरान देश के नौ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद 6 जून 2017 में भारत के कृषि मंत्रालय ने एवियन इंफ्लूएन्जा एच5एन8 और एच5एन1 से मुक्त घोषित दिया और इसकी सूचना भी विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को दी थी।
आपको बता दें कि आखिरी बार कर्नाटक के बीदर जिले के हुमनाबाद में बर्ड फ्लू सामने आया था। इसे फैलने से रोकने के लिए एक किलोमीटर की परिधि में आने वाले इलाकों में पक्षियों को मारने और साफ.सफाई का काम किया गया। इसके बाद देश में भी कहीं से इसकी सूचना नहीं मिली।