देवेंद्रवाणी न्यूज़, बीकानेर।
रेमडेसिविर इंजेक्शन, कोविड पॉजिटिव आने के बाद लगभग हर गंभीर मरीज को दिए जाने वाला महत्वपूर्ण इंजेक्शन। डब्ल्यूएचओ, आईसीएमआर की ओर से कोविड मरीजों को इस इंजेक्शन का बहुत अधिक फायदा नहीं बताने के बावजूद राजस्थान में इसकी खरीद जोरों पर है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कंपनियां सरकार को ही पूर्ति नहीं कर पा रही हैं।
रिजल्ट भले ही उतने कारगर नहीं हों और साइड इफेक्ट सामने आ रहे हों, लेकिन सरकार इसकी लगातार खरीद कर रही है और आमजन भी इसके लिए परेशान हो रहा है। निजी अस्पतालों और स्टोर्स पर भी इन इंजेक्शन की जबरदस्त डिमांड है और कंपनियां सप्लाई पूरी नहीं कर पा रही हैं। आरएमएससीएल ने दो लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन का टेंडर किया। तीन कंपनियों को इसका काम दिया गया। लेकिन डिमांड इतनी कि तीनों कंपनी ही अभी पूरी सप्लाई नहीं कर पा रही हैं। कंपनी जूबिलेंट को एक लाख रेमडेसिविर का आर्डर मिला, जिसमें से वह 68 हजार सप्लाई कर पाई है।
वहीं सिप्ला कंपनी ने भी 59200 में से 49200 रेमिडेसिविर सप्लाई किए हैं। सबसे अधिक आर्डर माइलोन को मिला। 86600 रेमडेसिविर में से 81600 वाइल सप्लाई की गई हैं। यानी अकेले आरएमएससीएल की ओर से करीब 88 करोड़ के रेमडेसिविर खरीदे जा चुके हैं।
99 करोड़ रूपए की खरीद कर चुकी आरएमएससीएल, 45,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन अभी आने बाकी हैं
- अगस्त माह में जहां 2036 रेमडेसिविर की खपत हुई
- सितम्बर में बढ़कर 11343 तक पहुंच गई
- अक्टूबर में 32085
- नवम्बर में तो 35023 वाइल की खपत हुई है।
निजी खरीद की बात करें तो राजस्थान में सिप्ला ही स्टोर्स पर रेमडेसिविर सप्लाई कर रही है। यह आंकड़ा सिर्फ निजी कंपनी की स्टोर्स और अस्पतालों में है। अन्य पांच कंपनियों ने भी हर महीने में सप्लाई बढ़ाई है। सरकार के अलावा पिछले चार महीनों में 65 करोड़ रुपए से अधिक के इंजेक्शन प्रदेशवासियों को लग चुके हैं।
रेमडेसिविर इंजेक्शन यानी बीमारियों के साइड इफेक्ट्स का खतरा : एक्सपर्ट्स
यदि कोई व्यक्ति कोरोना की वजह से गंभीर स्थिति में पहुंच गया है तो उसे रेमिडेसिविर इंजेक्शन से बचाया जाना मुश्किल है। ऐसे में इस इंजेक्शन का बहुत अधिक उपयोग नहीं है। वहीं राजस्थान के डॉक्टर्स ने कहा था कि इसके बेहतर रिजल्ट देखने को मिल रहे हैं। अब ऐसे में समझना मुश्किल है कि आखिर सच क्या है। लेकिन राजस्थान के कई डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि रेमिडेसिविर का लिवर पर काफी असर पड़ता है। इसे लगवाने के कई दिन बाद तक लिवर के प्रति सजग रहना चाहिए और जांच कराते रहना चाहिए। वहीं यदि किसी व्यक्ति को किडनी प्राब्लम है तो उसे नहीं लगवाना चाहिए। वहीं सामान्य साइड इफेक्ट में वामिट और जुकाम आदि हैं।