पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने की बजाय जनता को राहत प्रदान करे सरकारः सचिन पायलट

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में सरकार को पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने की बजाय जनता को राहत प्रदान करनी चाहिए। गहलोत ने शुक्रवार को ट्वीट में लिखा कि सरकार का दायित्व बनता है कि संकट की इस घड़ी में जनता पर महंगाई का अनावश्यक बोझ न डालकर आमजन की मदद करे, ताकि लोगों को इस संकट मे किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उनके मुताबिक, केंद्र सरकार कोरोना महामारी के इस संकट के दौर में भी पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतों में लगातार वृद्धि करके आमजन पर महंगाई का अनावश्यक बोझ बढ़ा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद भी केंद्र सरकार जनता को इसका कोई लाभ नहीं दे रही है।

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में केंद्र सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी करना आम आदमी के साथ विश्वासघात है। देश में जब यूपीए सरकार थी तो अंतरराष्ट्रीय बाजार के कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन पेट्रोल, डीजल के दाम देश में 70 रुपये प्रति लीटर ही थे। मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम पहुंच गई है, लेकिन मोदी सरकार डीजल, पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ा रही है। जब देश के किसी राज्य में चुनाव होते हैं तो केंद्र सरकार, डीजल पेट्रोल के दाम स्थिर कर देती है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही फिर दाम बढ़ा देती है।

उन्होंने कहा कि रसोई गैस के दामों में 50 रूपए की बढ़ोतरी कर मोदी सरकार ने आमजन का बजट बिगाड़ दिया है। केंद्र सरकार ने रसोई गैस से सब्सिडी खत्म कर दी, जिससे उज्जवला योजना में कनेक्शन पाने वाले गरीब लोग भी अपना सिलेंडर रिफिल नहीं करा पा रहे हैं। कोरोन काल में जब लोगों को मदद चाहिए थी तो लोगों को महंगाई के बोझ तले दबाया जा रहा है।

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