बीकानेर। कोरोना महामारी को हराने के लिए डॉक्टरों के साथ-साथ हमारी पुलिस भी योद्धा की तरह मैदान में डटी हुई है। अपनी सुरक्षा की चिता किए बिना पुलिस 12 से 16 घंटे बिना रेस्ट किए मैराथन ड्यूटी कर रहे है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ लॉकडाउन का पालन करवाना भी पुलिस की प्राथमिकता है। ऐसे में पुरूष जवानों के साथ महिला पुलिस अपने परिवारिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए कोरोना को हराने के लिए फ्रंटलाइन पर डटी हुई हैं। महामारी के खिलाफ जंग में दिन-रात राज्य सरकार के निर्देशों पर अमल करते हुए पूरे जोश और समर्पण के साथ सेवाएं दे रहे हैं।
थानाधिकारी धरम पूनियां कहते हैं कि इस समय कोरोना के संक्रमण से दूसरों को बचाने के लिए पुलिस के सामने खुद को बचाना भी चुनौती से कम नहीं है। इन हालात में जिले की पुलिस भी अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रही है। एसआई सविता ढाल बताती है कि महिला पुलिस को तो पहले ड्यूटी के दौरान देश सेवा और ड्यूटी के बाद घर जाकर घर वालों की सेवा भी करनी होती है। ऐसे में महिला पुलिस की तो यह डबल ड्यूटी कही जा सकती है। इन पुलिस कर्मियों को समाज भी सलाम कर रहा है और लोग कह रहे हैं कि पुलिस वाकई में प्रेरणा का स्त्रोत हैं, जो अपनी सेहत का ख्याल न रखते हुए भी देश सेवा में पूरी तन्मयता से जुटी हुई हैं।

ये है असली कोरोना योद्धा 
पिछले 45 दिनों से ज्यादा का समय हो गया। जिसमें कोटगेट थाने के थानाधिकारी धरम पूनियां की अगुवाई में एसआई हवासिंह, शंकरलाल भारी ,भजनलाल ,सविता ढाल,एएसआई गिरधारी मीणा,हैड कानि अशोक कुमार,बनवारी,महावीर सिह ,सहीराम,राकेश ,संतलाल ,कानि शारदा, मामराज,जुबेर खान, पूनमचंद, श्रीराम, मुकेश ,संजय, दीपक, विनोद, मनीता, किशन कुमार, अशोक कुमार,कुंभाराम  अलग अलग स्थलों पर तैनात होकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है।