जयपुर। राजस्थान कांग्रेस जल्दी ही नए तेवर और बदले हुए कलेवर में नजर आएगी। टीम अशोक गहलोत के गठन के बाद अब टीम गोविंद डोटासरा का जल्दी ही गठन होने वाला है. पार्टी में बड़े स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियां होंगी. इसी सिलसिले में पीसीसी चीफ डोटासरा ने दो दिन के दिल्ली दौरे में मंगलवार को पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी समेत पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं से मुलाकात की है. पिछले कुछ समय से खाली-खाली सा नजर आ रहा कांग्रेस संगठन अब पूरा भरा जाएगा और मिशन 2023 के लिए पार्टी पूरी ताकत से जुटेगी। राजस्थान कांग्रेस में कार्यकारिणी का विस्तार होगा। इसमें उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और प्रवक्ताओं से लेकर पार्टी के विभिन्न विभागों और प्रकोष्ठों में नियुक्तियां की जाएंगी. प्रदेश स्तर पर 100 से ज्यादा नए पदाधिकारी बनाए जा सकते हैं और इनमें कुछ विधायकों और दूसरे जनप्रतिनिधियों को भी एडजस्ट किया जाएगा।
अभी केवल 39 लोगों की टीम
माना जा रहा है कि अगले एक महीने में प्रदेश कांग्रेस में सभी स्तर की नियुक्तियां कर ली जाएंगी. अब जल्दी ही कांग्रेस में नियुक्तियों की सूचियां आना शुरू हो जाएंगी। पार्टी में अभी प्रदेश स्तर पर केवल 39 लोगों की टीम काम कर रही हैं. इनमें से भी 4-5 पदाधिकारी हाल ही में मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री के सलाहकार के रुप में एडजस्ट हो चुके हैं और वे जल्दी ही अपना पद छोड़ेंगे। वहीं जिला और ब्लॉक स्तर के पद पिछले 16 महीने से खाली हैं. पिछले साल सियासी संकट के दौरान कार्यकारिणियां भंग कर दी गईं थी। अभी निवर्तमान पदाधिकारियों से ही काम चलाया जा रहा है।
जिला और ब्लॉक अध्यक्ष प्राथमिकता
राजस्थान में जल्द से जल्द ब्लॉक अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष बनवाना पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की प्राथमिकता है. पार्टी जमीनी स्तर पर मजबूत होगी तभी मिशन 2023 का सपना साकार हो सकेगा. संगठनात्मक नियुक्तियों के लिए कवायद पूरी है. बस अब दिल्ली से मुहर लगना बाकी है. पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी कहा है कि अब जल्दी ही नियुक्तियों का काम पूरा कर लिया जाएगा ताकि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ पुरजोर तरीके से मोर्चा खोला जा सके।
कांग्रेस को सत्ता में वापसी की उम्मीद
कांग्रेस को उम्मीद है कि वह 2023 में सत्ता में वापसी कर सकती है. ऐसे में अब पार्टी सक्रिय नजर आएगी. संगठन में जगह पाने के लिए भी बड़े स्तर पर लॉबिंग हो रही है। डोटासरा के दिल्ली दौरे को देखते हुये प्रदेश के उन कई नेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं जो संगठन में नियुक्ति पाने की आस लगाये बैठे हैं. अब देखना होगा की टीम डोटासरा का चेहरा-मोहरा कैसा होता है।