​​​​​​​श्रीगंगानगर, इलाके में अब तक नशे की तस्करी में केवल पुरुष ही सामने आते रहे हैं लेकिन अब तस्करी के इस काम में महिलाएं भी सामने आने लगी हैं। पिछले कुछ समय में पकड़े गए नशे के मामलों में कइयों में पुरुष तस्कर अपने साथ गर्लफ्रैंड या पत्नी को लेकर घूमते नजर आए। इन मामलों में अधिकांश में सीधे तौर पर महिला की भागीदारी नशे के काम में नहीं होती। उसे तस्कर अपनी सुरक्षा के लिए अपने साथ रखते हैं जिससे कि लोग उन पर शक नहीं करें।

37 आरबी में पकड़ी थी महिला
जिले के पदमपुर इलाके के गांव 37 आरबी में पिछले दिनों एक महिला को नशे के साथ पकड़ा। महिला गांव खरालां से इसे लेकर पैदल ही चली आ रही थी। पुलिस को देखकर घबराई तो उससे पूछताछ की गई। इस पर उसने अपने बारे में जानकारी दी। उससे पुलिस अभी पूछताछ कर ही है।

गर्लफ्रैंड के साथ नशे की तस्करी
चूनावढ़ पुलिस ने नौ माह पहले दो युवकों और एक युवती को नशे की पांच हजार गोलियों के साथ पकड़ा। इन लोगों के पास दो बाइक थे। इनमें एक पर युवक और युवती और दूसरे पर एक युवक था। पूछताछ की तो युवती के युवक की गर्ल फ्रैंड होने की जानकारी मिली। ये लोग नशे की ये गोलियां बेचने की फिराक में थे।

चिट्‌टा के साथ पकड़ी थी महिला
जिले की केसरीसिंहपुर थाना पुलिस ने करीब ग्यारह माह पहले एक महिला को 21 ग्राम चिट्‌टे के साथ पकड़ा था। इस महिला से पूछताछ कर उससे नशा लाने की जगह के बारे में जानकारी जुटाई गई।

जवाहर नगर पुलिस ने पकड़ा पति पत्नी को
करीब एक साल पहले जवाहर नगर पुलिस ने जवाहर नगर इलाके में एक पति पत्नी को भी नशा बेचने के लिए ले जाते हुए पकड़ा था। इन्हें गगन पथ पर एक प्राइवेट स्कूल के पास देर रात पकड़ा गया था। इनके पास से नशा मिला और इसे ले जाने के बारे में ये कोई संतोष जनक जवाब नहीं दे पाए।

बचने का नया तरीका
पुलिस के अधिकृत सूत्र इसे बचने का नया तरीका बताते हैं। इलाके में पिछले कुछ समय में नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई हुई है। ऐसे में रात के समय संदिग्ध घूमते लोगों से पूछताछ की जाती है जबकि रात के समय घूमने वाले किसी व्यक्ति के साथ यदि महिला हो तो उस पर संदेह कम होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए तस्कर अपने साथ महिलाओं को रखते हैं।

महिला ही नहीं बच्चे भी होते हैं साथ
एसपी आनंद शर्मा बताते हैं कि अब तो महिलाएं ही नहीं बच्चों को भी साथ लेकर तस्कर तस्करी के काम को अंजाम देने लगे हैं। पिछले दिनों ऐसे मामले सामने आए हैं। पुलिस से बचाव के लिए यह तरीका उपयोग हो रहा है लेकिन अब पुलिस टीमें इस पर सख्ती से ध्यान रख रही है। संदिग्ध लगने पर संबंधित की तलाशी होती है।