बीकानेर। जिले के झोलाछाप डॉक्टरो की भरमार है लेकिन सीएमएचओ द्वारा समय समय पर कार्यवाही करते है लेकिन गांव व ढाणियों में ऐसे डॉक्टरों की बड़ी तादाद में भरमार हो रखी है जो बिना डिग्री के और अपने पास दवाई रखते है जो मरीजों को दे देते रहते है और जब तबीयत ज्यादा बिगड़ती तो रैफर करते है तब तक मरीज अंतिम क्षणों में पहुंच जाता है। ऐसा ही मामला पांचू पुलिस थाना क्षेत्र के कक्कू गांव निवासी मोहिनी देवी ने बीती रात को पीबीएम आईसीयू वार्ड में मौत हो गई। फिलहाल मृतका के परिजन पीबीएम मोर्चरी के आगे बैठे है तथा झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार करने पर अड़े हुए है। परिजनों का कहना है कि पुलिस जब तक डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं करेगी तब तक शव को नहीं उठाया जाएगा। वार्ता के लिए पांचू एसएचओ मौके पर पहुंचे हुए है। ज्ञात रहे कि तीन मार्च को कक्कू निवासी मोहिनी देवी को बुखार आने पर परिजन गांव की सेफराज मेडिकल स्टोर पर दवाई दिलाने के लिए लेकर गए थे। जहां आसुसिंह नामक व्यक्ति ने खुद को बागड़ी अस्पताल का डॉक्टर बताकर मोहिनी देवी को इंजेक्शन लगा दिया था। इंजेक्शन लगाने के आधे घंटे बाद मोहनी देवी की तबीयत बिगड़ गई। उसके बाद परिजन मोहिनी देवी को नोखा अस्पताल ले गए, जहां से चिकित्सकों ने पीबीएम अस्पताल भेज दिया। पीबीएम में मोहनी देवी को आईसीयू वार्ड में भर्ती किया। जहां बीती रात को मोहिनी देवी ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इस संबंध में मोहनी देवी के चाचा राजाराम पुत्र पेमाराम मेघवाल ने झोलाछाप डॉक्टर आसुसिंह के खिलाफ पांचू पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन पुलिस आज दिनांक तक आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी।