बीकानेर बृजेश लाल व्यास के पुत्र पवन व्यास जो कि जाने-माने साफा विशेषज्ञ एवं चंदा विशेषज्ञ गणेश लाल व्यास के भतीजे हैं अपने चाचा व गुरु का नाम रोशन करते हुवे”इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड “में अपना नाम दर्ज करवाकर भारत मे राजस्थान एवं बीकानेर को गौरवान्वित किया है।

पवन व्यास वह प्रतिभा है जो बचपन से ही अपने चाचा गणेश लाल व्यास के सानिध्य में रहकर महज 17 वर्ष की आयु मे पगड़ी व साफा बांधने की कला को जाना व ग्रहण किया है आज पवन व्यास साफा कला में पारंगत हैं पवन ने बताया कि 15 से 20 सेकंड में एक साफा बांधने की कला के साथ-साथ विभिन्न तरह के समाज एवं राज्यों मे बांधी जाने वाली पगड़िया बांधने के साथ-साथ आँखों पर पट्टी बांधकर साफा बांधने की कला तथा 1 से 3 सेंटीमीटर की हाथों की अंगुलियों एवं अंगूठे पर सबसे छोटे आकार के साफे -पगड़िया बांधने में महारत हासिल है एवं हर वर्ष लगभग 8 से 10 हजार साफे बांधते है।

जिसमें बाड़मेरी,जालौरी,माहेश्वरी चुनरी साफा बीकानेरी गोल साफा गुलाल केसरिया साफा बटदार साफा आदि हाथो की अंगुलियों पर बांधकर अपना नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया है साफों का उल्लेख करते हुए “इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड”ने पवन व्यास को मैडल, सर्टिफिकेट एवं आई कार्ड के साथ एक पेन भेजा है इनके रिकॉर्ड का उल्लेख 2020 में पब्लिश होने वाली इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रकाशित होगा ।यह समाचार मिलने पर दोस्तों एवं परिवार एवं समाज वालों ने शुभकामनाए देते हुवे उज्जवल भविष्य की कामना की।