बीकानेर। बीकानेर में शहर भाजपा अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह को उस समय अपना भाषण बीच में स्थगित करना पड़ा जब वो निजी स्कूल संचालकों के मंच पर शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा के खिलाफ जमकर बोल रहे थे। उनके स्वर ऊंचे होते ही जा रहे थे कि निजी स्कूल संचालकों ने टोक दिया कि भाजपा ने भी हमारे हित में कुछ नहीं किया है। आप यहां राजनीति ना करें। हमारा विरोध हैं, हम अपने स्तर पर निपट लेंगे। न सिर्फ शहर अध्यक्ष को अपना माइक लौटाना पड़ा, बल्कि भाषण की कतार में खड़े देहात अध्यक्ष ताराचंद सारस्वत व पूर्व शहर अध्यक्ष सत्य प्रकाश आचार्य को भी बिना भाषण लौटना पड़ा।
दरअसल, हुआ यूं कि कलक्टरी परिसर में निजी स्कूल संचालक शिक्षा मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं भाजपा कार्यकर्ता भी राज्य सरकार के दो साल पूर्ण होने पर विरोध करने पहुंचे हुए थे। इस दौरान किसी ने भाजपा नेताओं को बुला लिया। सबसे पहले शहर भाजपा अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह को बोलने का मौका मिला। सिंह ने कांग्रेस सरकार और शिक्षा मंत्री डोटासरा के खिलाफ भाषण देना शुरू कर दिया। मौके पर उपस्थित कई स्कूल संचालकों ने विरोध कर दिया। उन्होंने कहा कि हम अपनी बात को लेकर मंत्री का विरोध कर रहे हैं लेकिन दूसरी पार्टी के नेता यहां राजनीति नहीं करें। यह मंच राजनीति का नहीं है। एक स्कूल संचालक ने तो यहां तक कह दिया कि भाजपा और मोदी ने भी निजी स्कूलों के लिए कुछ नहीं किया है। इसलिए आप यहां राजनीति नहीं करें। अब शहर अध्यक्ष कुछ जवाब देते, उससे कई अन्य स्कूल संचालक भी विरोध दर्ज कराने लगे। ऐसे में सिंह ने अपना भाषण कुछ शब्दों में ही समेट कर मंच से किनारा कर लिया। उनके साथ ही देहात अध्यक्ष ताराचंद सारस्वत और पूर्व शहर अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य भी वहां से निकल लिए।