जयपुर, पूर्वी राजस्थान में नया सर्कुलेटरी सिस्टम एक्टिव होने के साथ ही प्रदेश में तेज बारिश का दौर फिर शुरू हो गया। पिछले 24 घंटे के दौरान बांसवाड़ा, झुंझुनूं, नागौर, प्रतापगढ़ जिलों में अच्छा खासा पानी बरसा। राजधानी जयपुर में शुक्रवार सुबह से भी कई जगहों पर जोरदार बारिश हुई। घने बादल छाए हुए हैं। मौसम केन्द्र जयपुर के मुताबिक 7 अगस्त के आसपास उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर सिस्टम डवलप होगा, जिसके असर से अगले 2-3 दिन के अंदर राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश भी हो सकती है। अगले 24 घंटे में राज्य के 13 जिलों में तेज बारिश के आसार हैं। जयपुर में लगातार तीसरे दिन बारिश हुई। जेएलएन मार्ग, झोटवाड़ा, मुरलीपुरा, सहकार मार्ग समेत कई स्थानों पर तेज बारिश हुई। कल भी जयपुर में कई जगहों पर 16 से लेकर 59MM तक बरसात हुई थी। जयपुर के अलावा राज्य में झुंझुनूं, नागौर, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर, कोटा, जैसलमेर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बाड़मेर, बांसवाड़ा, अलवर और अजमेर जिले के कई हिस्सों में अच्छी बरसात हुई। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ में 4 इंच से ज्यादा (115MM) बरसात हुई। वहीं, बाड़मेर के समदड़ी में 66, झुंझुनूं के गुढा गौड़जी में 75, नागौर के मकराना में 73 और प्रतापगढ़ के छोटी सादड़ी एरिया में 69MM बरसात हुई।

कोटा बैराज और कालीसिंध से पानी छोड़ना जारी
राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश में हो रही अच्छी बरसात के कारण चंबल, कालीसिंध नदियों में लगातार पानी आ रहा है, जिससे इन नदियों पर बने बांधों का गेज बढ़ रहा है। चंबल में लगातार पानी की आवक होने से कोटा बैराज के 2 गेट खोलकर वहां से 7467 क्यूसेक और कालीसिंध डेम के एक गेट से 5182 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

44 फीसदी ज्यादा बरसात
राजस्थान में मानसून को आए एक महीने हो गया और अब तक पूरे प्रदेश में बरसात औसत से 44 फीसदी ज्यादा हो चुकी है। राज्य में 1 जून से 4 अगस्त तक औसतन 237MM बरसात होती है, लेकिन अब तक 341MM बरसात पूरे राज्य में हो चुकी है। जिलेवार रिपोर्ट देखें तो राज्य के 33 में से एक भी ऐसा जिला नहीं है, जहां सामान्य से कम बारिश हुई हो। सबसे ज्यादा बरसात गंगानगर जिले में सामान्य से 75 फीसदी ज्यादा बरसात अब तक हो चुकी है।

अब आगे क्या?
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि राज्य के पूर्वी क्षेत्र के ऊपर एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है और मानसून ट्रफ लाइन भी अपने सामान्य स्थिति में है। 7 अगस्त के आसपास उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया बनने की संभावना है। इस सिस्टम के कारण राज्य में आगामी दिनों में मानसून लम्बे समय तक सक्रिय रहने के आसार है। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे के दौरान भरतपुर, बारां, अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, सवाईमाधोपुर, झालावाड़, जालोर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद जिलों कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। वहीं, 6 अगस्त को अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, बूंदी, चित्तौड़गढ़, कोटा, प्रतापगढ़, सिरोही, उदयपुर, बीकानेर, चूरू, जोधपुर, नागौर और पाली जिलों में कहीं-कहीं अच्छी बारिश हो सकती है।