श्रीडूंगरगढ़ के एक दर्जन गांवों में अब तक जमा है पानी, दो बछड़ों और तीस भेड़ों की मौत

 

बीकानेर, प्री मानसून की जबरदस्त बारिश से भले ही गर्मी से राहत मिल गई है लेकिन ये ही बारिश गांवों के लिए आफत भी बन गई है। पिछले तीन दिनों में करीब डेढ़ सौ एमएम बारिश के बाद बीकानेर के दर्जनभर गांवों में पशुओं की दर्दनाक मौत हो गई है। आम आदमी घर से बाहर नहीं निकल पा रहा है। सबसे ज्यादा हालात श्रीडूंगरगढ़ के उन गांवों का है, जो बारिश के बाद से टापू बन गए हैं। बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में पिछले तीन दिन में डेढ़ सौ एमएम बारिश हुई है। जिससे गौशाला में ही गायों की मौत हो गई, जबकि पूनरासर गांव में मंगलवार देर रात दीवार गिरने से बीस से ज्यादा बकरियों की मौत हो गई।बिग्गा, बिग्गा बास रामसरा, बाडेला, समंदसर, बरजांगसर, जोधासर, हेमासर, बेनिसर, ऊपनी, बाना, रिड़ी, मणकरासर, उदरासर, गुसाईंसर बड़ा, अमृतवासी में भारी बरसात के बाद पानी जमा है। कच्चे मकानों को अब तक खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि 35 से 40 अंगुल के बीच बरसात हुई है। खेतों में भी निचले भागों में पानी भर गया है। बाना गांव की हर गली में पानी में भर गई है। हेमासर गांव जाने का एकमात्र रास्ता सड़क पर ज्यादा पानीहोने से बंद हो गया है। गांव अमृतवासी में भारी बरसात से बिजली के पोल गिर गए है। बरजांगसर में आबादी क्षेत्र में नीम का पेड़ गिर गया, जिससे दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई। उदरासर में जोहड़ में पानी भर गया है। रिड़ी गांव में गलियों में घरों में खूब पानी भरा है। कल्याणसर पुराना में ग्रामीणों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। मोमासर बास, आडसर बास, बिग्गा बास के कई वार्डों में पानी भर गया है।

नहीं निकल रहा पानी

मंगलवार को दिनभर हुई बरसात के चलते गुसाईंसर बड़ा, बिग्गा बास रामसरा की मुख्य गलियां जलमग्न हो गई। गांव की मुख्य चौपाल में पानी भर गया है। पानी नहीं निकलने से आम आदमी परेशान है। मंगलवार से क्षेत्र के लोग पानी निकासी के लिए अधिकारियों से आग्रह कर रहे हैं लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल रहा।

तीस भेड़ और तीन बछड़ों की मौत

आडसर बास में तीन बछड़ों की पानी मे डूबने से मौत हो गई है। गायें व बछड़े रस्सी से बंधे हुए थे, जिन्हें आसपास के युवकों ने रस्सियां खोल कर बाहर निकाला। वहीं पूनरासर गांव में एक दीवार वहां बैठे भेड़ों पर जा गिरी। इससे मौके पर ही तीस भेड़ों की मौत हो गई।

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