
बीकानेर में जल संकट को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। जिले के बीछवाल में अब नगरीय विकास विभाग की ओर से 25 हजार लाख लीटर क्षमता की झील, 300 लाख लीटर के वाटर प्यूरिफायर प्लांट, स्वच्छ पानी के जलाशय और पंप हाउस बनाए जाएंगे। इसके लिए 243 बीघा भूमि के आवंटन के प्रस्तावों को सरकार ने मंजूरी दे दी गई है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को यह भूमि डीएलसी दर पर मिलेगी। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने जलदाय मंत्री रहते हुए चकगर्बी में 357 बीघा जमीन निशुल्क आवंटित की थी। शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने बताया कि बीकानेर शहर और आसपास के 29 गांवों की लगभग 13 लाख आबादी की वर्ष 2052 की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 614 करोड़ रुपए की शहरी जल प्रदाय योजना स्वीकृत की गई थी। इसके तहत चकगर्बी और बीछवाल में अलग अलग क्षमता के झील, जल शोधन प्लांट, स्वच्छ पानी का जलाशय और पंप हाउस बनाए जाने हैं। इसके मद्देनजर नगरीय विकास विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वृत्त बीकानेर को चक 496 आरडी (एल), चक 1 बीएसएम और 3 बीकेएम में कुल 243.16 बीघा भूमि, 30 मीटर चौड़ा पहुंच मार्ग भूमि आवंटन नीति 2015 के तहत डीएलसी दर पर आवंटित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। वहीं पहले चकगर्बी के लिए 357 बीघा भूमि आवंटित की गई थीं। उन्होंने बताया कि शहरी जल प्रदाय योजना के कार्य पूर्ण होने पर बीकानेर शहर और आसपास के 29 गांवों में वर्ष 2052 की आवश्यकता की पूर्ति हो सकेगी तथा 21 दिन के जल संचय की क्षमता विकसित होगी। विभाग द्वारा फर्स्ट फेज के 183 करोड़ रुपए के कार्यों के कार्यादेश भी पूर्व में जारी कर दिए हैं।
नहर बंदी में होती है परेशानी
बीकानेर को इंदिरा गांधी नहर से पीने का पानी मिलता है। मई जून में जब साठ दिन के लिए नहर बंदी होती है तो शहर को पेयजल वितरण का संकट खड़ा हो जाता है। ये प्लांट्स स्थापित होने के बाद ऐसी समस्या नहीं होगी। फिलहाल सरकार ने इसकी स्वीकृति दी है और अगले कुछ महीनों में ये काम शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।