जोशी सांस्कृतिक परम्परा के मुखर प्रवक्ता : व्यास

सखा संगम और सप्तऋषि मंडल ने किया कवि एवं संस्कृतिकर्मी जोशी व आचार्य का सम्मान

बीकानेर। प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। मेहनत और लगन के दम पर उसे मंजिल मिल जाती है। लक्ष्य केवल किसी कंपनी या सरकारी विभाग में उच्च पदों पर आसीन हो जाना नहीं है। एक श्रेष्ठ समाज की रचना में सक्रिय भूमिका निभाना उद्देश्य होना चाहिए। उक्त उद्गार सखा संगम और सप्त ऋषि मंडल द्वारा ब्रह्म बगीचे में आयोजित कार्यक्रम में कवि एवं संस्कृतिकर्मी चंद्रशेखर जोशी व उमाशंकर आचार्य के सम्मान समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास ने व्यक्त किये। व्यास ने कहा कि जोशी बीकानेर नगर की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा के मुखर प्रवक्ता है।

जोशी सखा संगम के संस्थापक रहकर जो कार्य किया है वो समाज के लिए अतुलनीय है। कार्यक्रम के अध्यक्ष समाजसेवी हीरालाल हर्ष ने कहा कि जोशी सकारात्मक ऊर्जा के धनी रचनाकार हैं। विशिष्ट अतिथि चेन्नई के बृजगोपाल आचार्य ने कहा कि जोशी सबको साथ लेकर चलने वाले इंसान हैं। समाजसेवी राजेश चूरा ने कहा कि जोशी के रचनाकर्म में संस्कृति की छटा है।

कार्यक्रम में डॉ अजय जोशी, राजाराम स्वर्णकार, अशफ़ाक़ क़ादरी, नागेश्वर जोशी, गिरिराज पारीक, नारायणदास रंगा बृजगोपाल जोशी ने कहा कि जोशी के रचनाकर्म में आत्मीयता है। कार्यक्रम में मंगलचंद रंगा, खूमराज पंवार भगवानदास पडिहार, श्याम जोशी, शंशाक शेखर जोशी, मुरली मनोहर पुरोहित, सप्तऋषि मंडल के देवकी नंदन व्यास,, ओमप्रकाश रंगा, रामप्रकाश रंगा, गौरीशंकर आचार्य, गिरिराज जोशी, विप्र फाउण्डेशन के महासचिव सुभाष जोशी, जनमेजय व्यास, भंवरलाल व्यास, झंवरलाल ने भी विचार रखे। संस्था अध्यक्ष एन.डी. रंगा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संयोजन कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने किया।

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