टिकट कटने से नाराज नेताओं के लिए भाजपा ने बनाया प्लान

देवेन्द्र वाणी न्यूज़, बीकानेर। विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची से नाम गायब होने से कई नेता नाराज हो गए हैं। इस लिस्ट में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कई समर्थकों को टिकट नहीं मिला। हालांकि इस पर वसुंधरा राजे एक अनुशासित प्लेयर की तरह शांत और धैर्य बनाए हुए हैं। इधर, प्रदेश की सियासत में सवाल उठने लगा है कि क्या पिछले साढ़े चार साल से मुख्यधारा में आने का इंतजार कर रही वसुंधरा राजे दूसरी लिस्ट के बाद अपना संयम बरकरार रख पाएंगी? राजनीतिक सूत्रों के अनुसार इन्हीं सवालों के बीच टिकट न मिलने से नाराज नेताओं को मनाने के लिए बीजेपी ने खास प्लान बनाया है। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने टिकट बंटवारे से उपजे सियासी विवाद को खत्म करने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। इन्हीं प्रयासों के तहत केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने अजमेर का दौरा किया, संगठन महासचिव चंद्रशेखर झुंझुनू गए, प्रदेश सहप्रभारी विजया रहाटकर सांचौर में थी। जबकि, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने श्रीगंगानगर और पार्टी प्रभारी अरुण सिंह ने जयपुर में नाराज नेताओं से बात की। नाराज नेताओं के साथ बैठक कर डील करेंगे बीजेपी के सीनियर नेता पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज नेताओं के साथ बैठक करेंगे और चुनाव के संबंध में महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे। हाल ही में अरुण सिंह ने दो बार के सीएम और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद पूर्व विधायक नरपत सिंह राजवी के साथ बैठक कीए ताकि उन्हें समझाया जा सके कि उनकी चिंताओं को आलाकमान तक पहुंचाया जाएगा और समाधान किया जाएगा। गौरतलब है कि बीजेपी की ओर से जारी की गई पहली सूची के बाद राज्य भर में चौतरफा विरोध शुरू हो गया है।

आरएसएस भी सूची से काटे गए कुछ नामों से खुश नहीं!
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन जिस तरह से वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं के टिकट काटे गए हैं, उससे पता चलता है कि वह सबसे पुरानी पार्टी के अलावा, वसुंधरा राजे के साथ शीत युद्ध भी लड़ रही है। उन्होंने कहा कि आरएसएस भी सूची से काटे गए कुछ नामों से खुश नहीं है। इसी बीच कथित तौर पर वसुंधरा राजे और उनके समर्थक अपने करीबी नेताओं के टिकट रद्द होने के बावजूद दूसरी सूची का इंतजार कर रहे हैं।