कोटा, शहर के रामपुरा थाना स्थित लाडपुरा कस्बे के करबला क्षेत्र में 15 दिन पहले हुई डेढ़ साल के मासूम की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। डेढ़ साल के अबीर की हत्या के आरोप में उसकी चाची सोबिया को पुलिस ने हिरासत में लिया है। सोबिया परिवार की सबसे छोटी बहू है। सूत्रों के अनुसार सोबिया ने कुछ रिश्तेदार युवकों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। साजिश रचने के बाद अबीर को छत पर रखी 500 लीटर की पानी की टंकी में डालकर ढक्कन बंद कर दिया। पुलिस के लिए ये ब्लाइंड मर्डर सुलझाना पहेली बना हुआ था। क्योंकि घटना के समय केवल महिलाएं ही घर पर मौजूद थी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोबिया अपनी जेठानी अंजुम से खुन्नस रखती थी। अबीर की हत्या के 20, 25 दिन पहले अबीर की मां सामने वाले मकान में खाना बना रही थी। लेकिन जब वह घर लौटी तो उस समय बच्चा रोता हुआ मिला। उसका पजामा भी उतरा हुआ था। मुंह पर नाखून से किसी ने नोंच रखा था। 6-7 महीने पहले अबीर के पिता इमरान के यहां चोरी हुई थी। उसके कमरे से पत्नी के सोने के जेवर, इमरान के 90 हजार रुपए गायब हुए थे। अलमारी की लॉक खुला हुआ था। परिवार में इतने सदस्य होने के बाद चोरी होने के बाद भी पुलिस में शिकायत नहीं दी थी। इस चोरी में भी सोबिया का हाथ बताया जा रहा है।

डेढ़ साल के मासूम का शव छत पर रखी 500 लीटर की पानी की टंकी में मिला था।

इस बात पर थी खुन्नस
अबीर की मां अंजुम ने दैनिक भास्कर को बताया कि घर में जब 6 महीने पहले चोरी हुई थी। तब सोबिया पर ही शक गया था। इस मामले में थाने में रिपोर्ट नहीं दी थी। लेकिन इस घटना के बाद से सोबिया उनसे खुन्नस रखने लगी थी। एक ही मकान में रहने के बावजूद दोनों के बीच तब से बातचीत बंद थी। लेकिन इस खुन्नस में वह मासूम बच्चे को मार देगी ऐसा किसी ने नहीं सोचा था। अंजुम ने ऐसा क्यों किया यह बात परिवार में किसी के गले नहीं उतर रही।

ये था मामला
25 अप्रैल की शाम को डेढ़ साल के मासूम का शव छत पर रखी 500 लीटर की पानी की टंकी में मिला था। टंकी का ऊपर से ढक्कन लगा हुआ था। परिजन मासूम के शव को निकाल कर तुरंत अस्पताल लेकर गए। जहां ड्यूटी डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उस दिन परिजनों ने पुलिस को कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए, मासूम का शव दफना दिया था।

खोदकर निकाला गया शव
हत्या के दूसरे दिन अबीर के नाना और पिता को शक हुआ। मामले की जांच की मांग को लेकर मृतक अबीर के पिता इमरान व नाना सईद ने आईजी को ज्ञापन दिया था। जिसके बाद कोर्ट के आदेश से अबीर के शव को कब्रिस्तान से बाहर निकाला गया। पुलिस व परिजनों की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी सामने आया उसके आधार पर पुलिस ने परिवार के लोगों से ही शक के आधार पर पूछताछ शुरू की। ब्लाइंड केस होने के कारण खुलासा करना आसान नहीं था। मामले की तह तक जाने में पुलिस को 15 दिन लग गए। हालांकि मामले का खुलासा पुलिस बुधवार शाम तक कर सकती है।