बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत गोद लिए गए गांव कावनी में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। विस्तृत जानकारी देते हुए निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ सुभाष चंद्र ने बताया कि कुछ दिन पूर्व कावनी गाँव में चलाये जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा के गई और गांव को स्मार्ट विलेज की तर्ज पर विकसित किए जाने पर विचार विमर्श हुआ था। इसी कड़ी में आज अतिरिक्त निदेशक (बीज ) एवं नहेप के प्रभारी डॉ एन के शर्मा द्वारा किसानों के लिए “एक दिवसीय प्रशिक्षण रबी बीज उत्पादन फसलों का प्रबंधन व पौध संरक्षण” विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। डॉ. एन.के. शर्मा ने बताया कि गांव में चने की फसल अच्छी हो रही है और अच्छी फसल में किसी बीमारी के कारण घाटा ना हो इसलिए कई उपयोगी जानकारियां दी जा रही है। डॉ दाताराम ने कीटनाशकों, ट्राइकोडर्मा, बावेरिया आदि की जानकारी दी। गांव के युवा ट्राइकोडर्मा व बावेरिया जैसे बायोएजेंट को तैयार कर गांव में किसानों को उपलब्ध करा सकते हैं, इस तरह से यह एक अच्छा रोजगार का साधन भी हो सकता है। डॉ एन.के. शर्मा ने विभिन्न नई किस्में जो गांव के लिए उपयोगी है जैसे चने की किस्में जीएनजी, गणगौर आदि की विस्तृत जानकारी दी और किसानों व गांववालों ने भी मूंग, मोठ फसलों की बीज व उनकी किस्मों के बारे में भी जाना। डॉ. एस.पी. सिंह ने चारे उगाने हेतु जागरुक किया व किसानों के सवालों के जवाब देकर संतुष्ट किया। डीन, सामुदायिक महाविद्यालय बीकानेर डॉ विमला डुंकवाल ने अच्छी फसल के बाद मूल्य संवर्धन के द्वारा किस तरह से अधिक लाभ कमाया जा सकता है इसकी जानकारी दी। बंधेज, बांधनी व सिलाई प्रशिक्षण, सजावटी सामान बनाने का प्रशिक्षण आगामी कुछ दिनों में दिया जाएगा इसके लिए उन्होंने गांववालों से इच्छुक युवक युवतियों के नाम मांगे।
डॉ सुभाष ने कावनी गांव के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आगामी प्रशिक्षण में सहभागिता हेतु पूर्ण आश्वासन व्यक्त किया।
डॉ सुभाष चन्द्र ने कहा की कोविड गाइडलाइंस की अनुपालना के साथ विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा जारी कोविड दिशा निर्देशों व कोविड उपयुक्त व्यवहार (फेस मास्क और सोशल डिस्टेन्स) की पालना सुनिश्चित की गई। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों सहित इंजीनियर जे. के गौड, डॉ दुर्गाशंकर उपस्थित रहे।