अजमेर। तीर्थराज पुष्कर सरोवर में रविवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसी के साथ ही पंचतीर्थ स्नान का समापन भी हो गया। कार्तिक मास के अंतिम दिन हजारों श्रद्धालुओं ने पुष्कर पहुंच कर जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन किए और उनसे मानवजाति को कोरोना रूपी राक्षस से मुक्ति की प्रार्थना की। श्रद्धालुओं ने पुष्कर में दान, धर्म, दक्षिणा दी और सरोवर की पूजा-अर्चना कर समस्त देवी-देवताओं को उनकी उपस्थिति के लिए कोटि-कोटि नमस्कार किया। कोरोना महामारी के प्रकोप व धारा 144 के लागू रहते इस बार पुष्कर का अंतरराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त पशु व धार्मिक व आध्यात्मिक मेला नहीं लगा।

इसी के चलते कार्मिक पूर्णिमा व ब्रह्म चौदस पर शाही संत स्नान भी नहीं हुआ। पुष्कर के सैकड़ों मंदिरों में साधु-संतों ने अपने-अपने परिसर में ही पूजा-अर्चना की और प्रसाद वितरण किया। इस दौरान पुष्कर सरोवर की संध्या आरती नियमित की जाती रही। रविवार को अल सुबह से पुष्कर सरोवर में सन्नाटा रहा। श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ नहीं रही। किन्तु दोपहर बाद काफी संख्या में श्रद्धालु पुष्कर पहुंचे। आस्था की डुबकी लगाई और ब्रह्मा मंदिर के दर्शनों के लिए कतार में लग गए। जिला प्रशासन व पुलिस इस दौरान खास तौर पर अलर्ट रही।

मान्यता के अनुसार, कार्तिक एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक ब्रह्मा ने अपनी पत्नी गायत्री माता के साथ बैठकर साक्षात पंचदिवसीय यज्ञ किया था। इस दौरान सभी 33 करोड़ देवी-देवता अदृश्य रूप से पुष्कर में ही विराजमान रहते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालु यहां पुष्कर सरोवर में स्नान ध्यान कर सभी देवी-देवताओं का आभार व्यक्त करते हैं और अपने पर आशीर्वाद सदा बनाए रखने की कामना करते हैं। प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर पुष्कर का धार्मिक मेले का भी समापन होता है।

एडिशनल एसपी किशन सिंह भाटी, एसडीएम दिलीप सिंह राठोड़, तहसीलदार अरविंद कविया, सीआई राजेश मीणा और ईओ अभिषेक गहलोत ने मुश्तैदी से पुष्कर की व्यवस्थाएं संभाल रखी हैं। कोरोना महामारी के दृष्टिगत बिना मास्क वालों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। धूप खिलने के साथ बढ़ती भीड़ को देखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। सोमवार को चंद्र ग्रहण को ध्यान में रखते हुए भी श्रद्धालुओं ने पुष्कर की पहुंच कर दान-पुण्य करने में काफी रुचि दिखाई।