इस साल सिर्फ 55 दिन ही गूंजेगी शहनाइयां : पं श्रवण व्यास

अप्रेल तक तीन अबूझ मुहूर्त

बीकानेर। धनु मलमास खत्म होने के बाद नववर्ष-2021 के शुरुआती साढ़े तीन महीनों बाद भी वर-वधु अग्नि के समक्ष सात फेरे नहीं ले सकेंगे। ज्योतिषाचार्य पं श्रवण व्यास के मुताबिक गुरु-शुक्र का तारा अस्त होने से मांगलिक कार्य नहीं होंगे। हालांकि इस समयावधि में कई अबूझ मुहूर्त रहेंगे, जिसमें मांगलिक कार्य हो सकेंगे। 16 जनवरी से गुरु तारा अस्त हो गया है यह 16 फरवरी तक अस्त रहेगा। 14 फरवरी से 23 अप्रेल तक शुक्र तारा अस्त रहेगा। इससे साढ़े तीन महीनों में वैवाहिक कार्यक्रम नहीं होंगे। 16 फरवरी को बसंत पंचमी, 15 मार्च को फुलेरा दूज, 21 अप्रेल को रामनवमी का अबूझ मुहूर्त होने से इस दिन शादी-विवाह या सामूहिक विवाह सम्मेलन होंगे। व्यास ने बताया कि शास्त्रानुसार विवाह का पवित्र बंधन दस दोषों से मुक्त होता है। जनवरी, फरवरी और मार्च में शादी-विवाह से जुड़ी रस्में नहीं होगी, हालांकि बतौर अबूझ मुहूर्त पर मांगलिक कार्य हो सकेंगे। 23 अप्रेल के बाद फिर से लगातार शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी।

13 अप्रेल को नवसवंत्सर होगा शुरू
ज्योतिषाचार्य पं श्रवण व्यास के अनुसार सूर्य की युति गुरु के साथ होती है, तब देवगुरु बृहस्पति ग्रह अस्त हो जाते हैं, 16 फरवरी तक गुरु अस्त रहेंगे। 13 अप्रेल से नूतन संवत्सर 2078 आरंभ होगा

23 अप्रेल तक कोई शुभ कार्य नहीं

ज्योतिषाचार्य पं श्रवण व्यास के अनुसार सन 2021 में 55 दिन ही मांगलिक कार्य सहित अन्य शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त रहेंगे। इसमें अबूझ सावे भी शामिल रहेंगे। इसी बीच 15 मार्च से 13 अप्रेल तक मल का मास भी रहेगा। जिससे 23 अप्रेल तक कोई शुभ कार्य नहीं होंगे। इसके बाद विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश, मंदिर निर्माण होंगे। साल-2021 में विवाह के लिए 55 दिन से ज्यादा मुहूर्त रहेंगे। शुरू के साढ़े तीन महीने शहनाइयों की गूंज नहीं सुनाई देगी। 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी का मुहूर्त रहेगा। 14 नवंबर को देवउठनी एकादशी रहेगी।

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