देवेन्द्र वाणी न्यूज़, बीकानेर। विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। कांग्रेस ‘जिताऊ’ और ‘टिकाऊ’ उम्मीदवारों की उलझन में फंसी हुई है। राजस्थान में सरकार रिपीट कराने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है।
राजनितिक सूत्रों का कहना है कि राजस्थान की सर्वे रिपोर्ट पर कांग्रेस उलझन में फंसी हुई है। इन दोनों राज्यों में कुछ मंत्रियों और कई विधायकों के खिलाफ जनता के बीच नाराजगी की बात पार्टी के सर्वे में सामने आई है। राजस्थान में कुछ विधायकों के प्रदर्शन और जनता की नाराजगी के चलते पार्टी उनका टिकट काटना चाहती है, लेकिन सरकार पर संकट के समय ‘टिकाऊ’ साबित हुए विधायकों के प्रति सहानुभूति रवैया अपनाने का दबाव भी है। इसके अलावा खराब प्रदर्शन वाले कुछ विधायकों का मजबूत विकल्प भी पार्टी को नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि पार्टी लगातार मंथन पर मंथन कर रही है।
टिकट काटने का हो ठोस आधार
खराब प्रदर्शन वाले विधायकों व मंत्रियों के टिकट काटने के सवाल पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलती रही है। ऐसे में बड़े पैमाने पर काम कराने के बावजूद किसी भी विधायक के प्रति नाराजगी होना स्वाभाविक है। यही वजह है कि पार्टी कई स्तर पर इसकी जांच करवा रही है, ताकि किसी का टिकट काटना पड़े तो उसके लिए ठोस आधार हो।