तेरे सुर और मेरे गीत में गूंजी स्वर लहरियां

bikaner, आरके कला केंद्र पी एवं झंकार कला केंद्र द्वारा तेरे सुर और मेरे गीत कार्यक्रम देर रात तक स्वर लहरियां गूंजती रही। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लेखक संपादक और व्यंग्यकार डॉ.अजय जोशी ने कहा कि संगीत मनोरंजन के साथ साथ समाज में संस्कार भी देता है। अध्यक्षता करते हुए कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि गीत संगीत मानव सभ्यता का अभिन्न अंग है। अध्यक्ष के रूप में ही महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की प्रोफसर और कवयित्री कथाकार डॉ.मेघना शर्मा ने कहा कि गीतों की प्रस्तुति और नवीनता ने कार्यक्रम को रोचक एवं मनोरंजक बना दिया।विशिष्ट अतिथि कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने सार्थक आयोजन हेतु बधाई।अन्य अतिथियों में एनडी रंगा, नेमचंद गहलोत, रामदेव अग्रवाल, पूनम मोदी, सुनील यादव आदि ने भी अपने प्रस्तुतियों की सरहाना की। कार्यक्रम की आयोजक गायिका, कवयित्री और कथाकार ज्योति वधवा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई और अपने सुरीले स्वर में कई प्रस्तुतियां दी। सह संयोजक जवाहर जोशी ने कार्यक्रम का संचालन किया और कालजयी गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में तनिशा मुंजाल, राजेंद्र परिहार, भवानी मोदी, भवानी बारूपाल, गोपाल सोनी, वैष्णवी श्रीमाली, गिरधर किराडू और सुनील शादी ने अपनी बेहतरीन गीतों की प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर समाज सेवी भवानी श्रीमाली का सम्मान भी किया गया। आभार ज्ञापन जगदीश कुमार वधवा ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *