बीकानेर। राजस्थान में काेरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कक्षा छह व सात के बच्चों को बिना परीक्षा ही उत्तीर्ण करने का निर्णय कर लिया गया है। इससे पहले कक्षा एक से पांच तक के सभी विद्यार्थियों को भी बिना परीक्षा ही उत्तीर्ण करने का आदेश दिया गया था। ऐसे में लगातार दूसरी बार कक्षा एक से सात तक के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा पास किया गया है। इसके साथ ही उच्च माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों के प्रेक्टिकल एग्जाम भी उन जिलों में स्थगित कर दिए गए हैं, जहां जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद कर दिया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने सोमवार को जारी आदेश में कहा है कि राज्य सरकार की स्वीकृति मिलने पर कक्षा छह व सात की परीक्षा नहीं करवाने का निर्णय किया गया है। अब इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा नहीं होगी, सभी बच्चों को पंद्रह अप्रैल से अगली कक्षा में प्रमोट माना जायेगा। इस प्रमोशन के लिए किसी तरह की परीक्षा नहीं कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
राज्य में सरकारी स्कूल के फेक्ट्स
प्रदेशभर में सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की स्कूलों में 34 लाख 41 हजार 843 विद्यार्थी पंजीकृत है। राज्य में 18 हजार 45 स्कूल पंजीकृत है जबकि 31 हजार 180 प्राथमिक स्कूल है। इन स्कूलों में कक्षा आठ में करीब साढ़े बारह लाख बच्चे पंजीकृत है जबकि कक्षा छह व सात में दस लाख से अधिक स्टूडेंट्स पंजीकृत है। इसी तरह गैर सरकारी स्कूलों में भी इतने ही बच्चे पंजीकृत है। ऐसे में करीब पचास लाख बच्चों को सरकार ने बिना परीक्षा ही उत्तीर्ण कर दिया है।
राज्य में गैर सरकारी स्कूल के फेक्ट्स
राज्यभर में गैर सरकारी स्तर पर 3168 प्राइमरी और 15 हजार 798 उच्च प्राथमिक स्कूल है। इन स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के करीब पचास लाख विद्यार्थी अध्ययनरत है। दरअसल, राज्य में कक्षा एक से बारह तक निजी स्कूलों में करीब नब्बे लाख बच्चे अध्ययनरत है। इनमें कक्षा ग्यारह व बारह में निजी स्कूलों की छात्र संख्या कम होती है, जबकि शेष में सरकारी से ज्यादा होती है।
यहां नहीं होंगे प्रेक्टिकल एग्जाम
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने एक आदेश जारी करके उन जिलों में प्रेक्टिकल एग्जाम स्थगित कर दिए हैं, जहां जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। फिलहाल यह आदेश तीस अप्रैल तक के लिए हैं। इसके बाद स्थिति पर फिर से समीक्षा की जायेगी।