बीकानेर। 20.02.2022। संकल्प नाट्य समिति बीकानेर द्वारा रंगकर्म को समर्पित वरिष्ठ रंगकर्मी, शायर एवं कवि स्व. आनंद वी. आचार्य की स्मृति में होने वाले त्रिदिवसीय नाट्य समारोह ‘‘रंग आनंद’’ के दूसरे दिन हरिषंकर परसाई की कहानियों एवं दयानंद शर्मा के रूपान्तरित नाटक ‘‘अपने ही पंच पर, परसाई आये मंच पर’’ से प्रेरित नाटक ‘‘हैल्लो! मिस्टर परसाई’’ का मंचन स्थानीय टाॅऊन हाॅल में हुआ। जिसका नाट्य निर्माण सुरेष आचार्य ने किया। इस नाटक के इम्प्रोवाईजेषन समूह के रूप में प्रदीप भटनागर, मालूसिंह राठौड़, दयानंद शर्मा, रमेष शर्मा, सुरेष आचार्य, कुमकुम भोजक आदि ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया।
‘‘हैल्लो! मिस्टर परसाई’’ नाटक में वर्तमान दौर में यदि हरिषंकर परसाई मंच पर आते तो अपने ही रचे किरदारों के साथ उनका अंर्तदन्द्व कैसा होता ? यही इस नाटक में दर्षाया गया है। इस नाटक में मुख्य रूप से परसाई जी की तीन कहानियां साहब महत्वाकांषी, रामसिंह की टेªनिंग एवं रामभरोसे का ईलाज को इस नाटक में सम्मिलित किया गया है। नाटक में उन परिस्थितियों की पड़ताल की गई जो एक संवेदनषील लेखक के व्यंग्य लेखन को असाधारण प्रतिभा प्रदान करता है। मंचन के दौरान कलाकारों की भाव भंगिमाएंे, व्यंग्य एवं मर्म ने रंगदर्षकों के मन को छूआ।
इस नाटक में साहब महत्वांकाषी एवं डाॅक्टर के किरदार के रूप में वरिष्ठ रंगकर्मी रमेष शर्मा के अभिनय ने दर्षकों को खूब गुदगुदाया। परसाई के मर्म को युवा रंगकर्मी शैलेन्द्र सिंह भाटी ने अपने बेहतरिन अभिनय से दर्षकों के मन पर अमिट छाप छोड़ी। अन्य किरदारों के रूप में रामभरोसे के दर्द को वरिष्ठ रंगकर्मी बुलाकी भोजक, साहब महत्वांकाषी की पत्नि के किरदार में युवा रंगनेत्री प्रिया आर्य, इन्सपेक्टर रामसिंह-दिपांषू पाण्डे, गाँव के बुढ़े के रूप में युवा रंगकर्मी प्रतीक कुमार प्रजापत आदि ने भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। इस नाटक के नाट्य निर्माण के रूप में सुरेष आचार्य के निर्देषन ने भी दर्षकों के मन पर गहरी छाप छोड़ी।
‘‘हैल्लो! मिस्टर परसाई’’ नाटक की मंचसज्जा, प्रकाष प्रभाव, संगीत प्रभाव आदि के लिए मंच पाष्र्व से वरिष्ठ रंगकर्मी प्रदीप भटनागर, वसीम राजा, शुभम देवड़ा, देव पारीक ने अपना सहयोग मंचन के दौरान दिया। नाटक के अंत में निर्देषक सुरेष आचार्य को संकल्प नाट्य संस्था की ओर से शाॅल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
संस्था के अभिषेक आनंद आचार्य ने बताया कि ‘‘रंग आनंद’’ नाट्य समारोह के अंतिम तीसरे दिन समापन के अवसर पर स्व. आनंद वी. आचार्य के लिखे नाटक ‘‘इस रात की सुबह नहीं’’ का मंचन अषोक जोषी के निर्देषन में स्थानीय टाॅऊन हाॅल में सांय 7 बजे किया जायेगा तथा साथ ही रंगकर्म को सर्वस्व जीवन देने वाले वरिष्ठ रंगकर्मी श्री एस.डी. चैहान को द्वितीय ‘‘रंग आनंद’’ अवार्ड से भी नवाजा जायेगा।