बीकानेर। पिछले करीब छह महीने से बीकानेर में एक सीट पर तीन अधिकारियों का विवाद खत्म हो गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) के पद पर अब एक बार फिर से डॉ. बी.एल. मीणा का पदस्थापन कर दिया गया है जबकि इसी पद पर दावा जता रहे डॉ. सुकुमार कश्यप को जालौर में परिवार कल्याण का जिम्मा दिया गया है। वर्तमान में इसी पद पर कार्यवाहक काम कर रहे डॉ. ओ.पी. चाहर अपने पुराने पद पर ही काम करेंगे।
दरअसल, इस संबंध में हेल्थ डिपार्टमेंट के संयुक्त शासन सचिव ने आदेश जारी किए हैं। दो अलग-अलग आदेश में दोनों अधिकारियों को अलग अलग जिलों में पदस्थापित करने के आदेश दिए गए हैं। दोनों के ही मामले अदालत में विचाराधीन थे। दोनों के अदालती आदेश की पालना करते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस विवाद का निपटारा कर दिया है। पहले डॉ. बी.एल. मीणा को सीएमएचओ पद से कार्यमुक्त करके हनुमानगढ़ के जिला अस्पताल में महज चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदस्थापित कर दिया गया था। वहीं मीणा की जगह नागौर से सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप को पदस्थापित किया गया। कुछ ही दिनों में डॉ. मीणा ने अदालत में परिवाद लगाया। जिस पर उन्हें फिर से बीकानेर में पदस्थापित किया गया। उधर, डॉ. कश्यप भी अदालत में चले गए। दोनों को अदालत से राहत मिलने पर डॉ. मीणा को कोविड का नोडल ऑफिसर बना दिया गया, जबकि डॉ. कश्यप को जिला प्रशासन की शिकायत पर जयपुर में कोविड प्रबंधन के लिए डेपुटेशन पर भेज दिया गया। इन दोनों अधिकारियों को हटाने के बाद डॉ. राजेश गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई। एक दो दिन बाद ही ये दायित्व डॉ. ओ.पी. चाहर को सौंप दिया गया। ऐसे में महज छह महीने में चार सीएमएचओ आ गए। अब सारे मामले का पटाक्षेप करते हुए डॉ. बी.एल. मीणा को पदस्थापित कर दिया गया है। डॉ. मीणा ने मंगलवार शाम कार्यभार भी संभाल लिया है।
राजनीतिक उठापटक का असर
इस पदस्थापन को भी राजनीतिक उठापटक के रूप में ही देखा जा रहा है। दरअसल, शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला स्वयं डॉ. मीणा को बीकानेर में लगाने के मूड में नहीं थे। उन्होंने तत्कालीन चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को हटाने की सिफारिश की थी। इसके बाद उन्हें वापस सीएमएचओ के रूप में कार्यभार ग्रहण करने नहीं दिया। अब चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के आते ही डॉ. बी.एल. मीणा के पक्ष में आदेश हो गए।