बीकानेर। दो दिन पूर्व राजपूतों एक संगठन के मंच पर आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए एक जातीय संगठन को श्रेय दिया गया राजनीतिक दल के नेताओं के माध्यम से जो कि अधूरा एवं अनुचित प्रतीत होता है।
आर्थिक आधार पर आरक्षण का अगर वास्तव में ही किसी संगठन को श्रेय जाता है तो वो है सामाजिक न्याय मंच जिसने वर्ष 2003 में पूरे सामान्य वर्ग और मूल ओबीसी को उपेक्षित को आरक्षण एवं आरक्षित को संरक्षण नारे से एक किया एवं बीकानेर जिला मुख्यालय, विभिन्न जिला मुख्यालय सहित अमरूदों के बाग में ऐतिहासिक जनसभा हुई जिसका श्रेय सामाजिक न्याय मंच को विशेषकर जाता है।
बीकानेर क्षत्रिय सभा के सम्भागीय प्रवक्ता एवं सोशल एक्टिविस्ट डूंगरसिंह तेहनदेसर ने कहा कि श्री क्षत्रिय युवक संघ को एतिहासिक हीरक जयंती की शुभकामनाएं जहां लाखों क्षत्रियों, क्षत्राणियों ने एकत्रित होकर जो अनुशासन का परिचय दिया है जो प्रशंसनीय है किन्तु मंच से कुछ नेताओं ने आर्थिक आधार पर आरक्षण का केवल श्री क्षत्रिय युवक संघ, प्रताप फाउंडेशन को दिया जिससे राजनीति परिलक्षित हुई कहीं ना कहीं, उस आरक्षण दिलाने के असली नायक पूर्व सिंचाई मंत्री और सामाजिक न्याय मंच के सुप्रीमो देवीसिंह भाटी एवं संरक्षक लोकेन्द्रसिंह कालवी थे।
तेहनदेसर ने कहा 10 प्रतिशत मिले आरक्षण के लिए देवीसिंह भाटी ने मील के पत्थर का काम किया है और पूरे पशिचम राजस्थान सहित राज्य के विभिन्न आंदोलन में उन्होंने अलख जगाने का उल्लेखनीय कार्य किया था जिसको बिसराया नहीं जा सकता है।
2003 के गतिरोध के बावजूद क्षत्रिय संघ की हीरक जंयती पर कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर भाटी ने चुप्पी साधी एवं बीकानेर में कोई गतिरोध नहीं किया बावजूद इसके आर्थिक आधार पर आरक्षण के मसले पर भाटी के नाम तक उल्लेख मंचासीन किसी भी व्यक्ति ने नहीं किया जिससे बीकानेर सम्भाग से रैली में गए लोगों में भारी निराशा है।
मंच के आरक्षण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान की छवि आज भी राज्य के लोगों ने सहेज रखी है।