सम्मेलन में टीचर्स ने मनाई छुट्‌टी: नजर नहीं आए टीचर्स, उपस्थिति बहुत कम, दो दिन का अवकाश समझ घरों में रहे

कुछ संगठनों के टीचर्स कार्यक्रम में पहुंचे। - Dainik Bhaskar

राज्य के स्कूल्स में पढ़ाई और एजुकेशन पॉलिसी पर मंथन करने के लिए सालभर में टीचर्स के दो सम्मेलन आयोजित होते हैं। इन सम्मेलनों में चर्चा करने के बजाय अधिकांश टीचर्स इसे अवकाश मानकर अपने व्यक्तिगत काम निपटाते हैं। फिर घर पर ही आराम करते हैं। शैक्षिक सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को कुछ संगठनों को छोड़ अधिकांश में उपस्थिति नहीं रही।

बीकानेर में आयोजित सभी शैक्षिक सम्मेलनों में उपस्थित टीचर्स की संख्या एक हजार से ज्यादा नहीं रही, जबकि जिले में कार्यरत टीचर्स की संख्या बीस हजार से ज्यादा है। सभी टीचर्स को सम्मेलन में जाना होता है, इसलिए स्कूल में अवकाश रखा जाता है। अधिकांश टीचर्स सम्मेलन में जाने के बजाय अवकाश मनाते हैं। खासकर महिला टीचर्स की सम्मेलन में उपस्थिति बहुत कम रहती है। नियम तो ये है कि सम्मेलन के बाद सभी टीचर्स एसोसिएशन को एक रिपोर्ट भी विभाग को देनी होती है। इसमें एजुकेशन पॉलिसी में सुधार के लिए प्रस्ताव देने होते हैं।

इन संगठनों के सम्मेलन में रहे टीचर्स

कुछ टीचर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम जरूर होते हैं। हालांकि संगठनों की सदस्यता जितने टीचर्स इसमें भी नहीं पहुंचते। बीकानेर में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत, अम्बेडकर शिक्षक संघ, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय, प्राथमिक माध्यमिक शिक्षक संघ सहित कुछ में टीचर्स की मौजूदगी से ही सम्मेलनों का अहसास होता है।

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