जोधपुर. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सर्जरी विभागाध्यक्ष (एचओडी) डॉ राजेश गुप्ता को 4 महीने बाद शनिवार को एचओडी पद से हटा दिया गया। प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों में संभवत: यह पहला मामला है जब विवि प्रशासन ने एक शिक्षक को कार्यमुक्त करने के लिए 8 पंक्तियों का आदेश निकाला ताकि न्यायालय में गुमराह नहीं किया जा सके। इस आदेश में राज्यपाल सचिवालय, राज्य मानवाधिकार आयोग के पत्रों, विवि की जांच कमेटी और छात्रों के उत्पीडऩ का जिक्र है। हालांकि विवि के कई शिक्षकों और छात्रों ने डॉ गुप्ता को केवल एचओडी पद से हटाने को नाकाफी बताया है।
6 में से 5 रेजिडेंट को किया फेल, दुबारा कॉपी जांचने पर फस्र्ट डिविजन पास
आयुर्वेद विवि में 11 विभाग में स्नातकोत्तर होती है। वर्ष 2019 बैच के 66 विद्यार्थियों के इस साल जुलाई में घोषित परिणाम में 6 फेल हुए। इसमें 5 अकेले सर्जरी विभाग के थे। विवि की स्नातक टॉपर डॉ निशा शर्मा और ऑल इंडिया आयुर्वेद पीजी एंट्रेंस टेस्ट में बेहतर रैंकर केरल की डॉ अखिला एआर को भी फेल कर दिया गया। छात्रों ने लिखित में शिकायत दी कि सर्जरी के शिक्षक ने पास करने के लिए हार्ड डिस्क, ईयर फोन (वायरलेस), वाटर कंडेंशन जैसी चीजें मांगी। इसके बाद विवि प्रशासन ने छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं जांच के लिए बाहर भेजी। दुबारा कॉपी जांच में सभी पांचों विद्यार्थी फस्र्ट डिविजन पास हो गए। राजस्थान पत्रिका ने अपने 8 जुलाई के अंक में ‘विवि टॉपर सहित सर्जरी के 6 में से 5 विद्यार्थियों को किया फेल’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद 5 सितम्बर को भी खबर प्रकाशित कर विवि प्रशासन को चेताया था।
3 दिन से प्रदर्शन कर रहे थे छात्र
सर्जरी के विद्यार्थी पिछले तीन दिनों से एचओडी डॉ गुप्ता को हटाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया तब विवि को शनिवार को आदेश जारी करना पड़ा।