बीकानेर। सरकार निजी कॉलेजों को मान्यता तो धड़ाधड़ दे रही है, किंतु ये कॉलेजेज विश्वविद्यालय अनुदान की गाइडलाइन पर खरी नहीं उतर रही है। जिसका खमियाजा इन कॉलेजों में मोटा शुल्क देकर पढऩे वाले विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय से जुड़े ऐसे 42 कॉलेजेज है। जिनमें प्राचार्य से लेकर टीचिंग स्टॉफ इस गाइड लाइन के मुताबिक नहीं है। इन कॉलेजेज पर एफीलिएशन रद्द होने की तलवार लटक रही है। हालांकि विश्वविद्यालय ने इन सभी कॉलेजेज को 26 दिसंबर तक सभी शर्तें पूरी करने का मौका दिया था। किंतु इसी बीच शीतकालीन अवकाश शुरू हो गए। जो कि अब समाप्त होने को है। शीतकालीन अवकाश के बाद इन कॉलेजेज के खुलने के साथ ही एफीलिएशन पर फैसला होगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक जिन कॉलेजों ने शर्तें पूरी कर लीए उनका एफीलिएशन तो हो जाएगा, लेकिन जिन कॉलेजों ने पालना नहीं की है। उनका एफीलिएशन रद्द होना तय माना जा रहा है। ये निर्णय सिर्फ विवि प्रशासन का नहीं बल्कि बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट का है।
पहले था बचाव का रास्ता
इससे पूर्व विवि यूजीसी और एफीलिएशन की शर्तें पूरी न करने वाले कॉलेजों जुर्माना लगता था। उसके बावजूद कॉलेजेज न शर्तें पूरी करते थे और न ही जुर्माना भरते थे। कमाई के लिए जुर्माना लगाने के आरोपों से बचने के लिए ही अब शर्तें पूरी न करने वाले कॉलेजों की मान्यता रद्द की जाएगी।