जयपुर। शिक्षा विभाग ने दूसरी से आठवीं तक के स्टूडेंट्स का सिलेबस कम करके शेष रहे पाठ व हटाये गए पाठ का विवरण सार्वजनिक कर दिया है। वहीं शिक्षा विभाग ने एक बार फिर स्कूल खोलने के संकेत दिए हैं। दरअसल, हटाये गए पाठ्यक्रम में विभाग ने प्रस्तावित कालांश का जिक्र किया है। कालांश यानी पीरियड तभी लग सकेंगे जब स्कूल फिर से शुरू होंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार स्कूल फिर से खोलने की अपनी मंशा पर कायम है और कोरोना पर नियंत्रण के साथ ही स्कूल की घंटी फिर बजेगी।
पहली कक्षा के बच्चों की पूरी पढ़ाई
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एसआईईआरटी) की वेबसाइट पर यह सिलेबस दिया गया है, जहां से सभी स्टूडेंट्स व स्कूल संचालक डाउनलोड कर सकते हैं। मजे की बात है कि कक्षा एक का पाठ्यक्रम कम नहीं करते हुए विभाग ने कहा है कि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध होने चाहिये। इस दृष्टि से कक्षा एक के सिलेबस को कम करना तर्कसंगत नहीं है। कक्षा एक में बच्चों को वर्ण और मात्रा से परिचित होना है। दरसअल, कक्षा एक के अधिकांश बच्चों ने तो स्कूल देखी ही नहीं है। सरकारी स्कूल कक्षा एक से ही शुरू होते हैं जो इस बार प्रारम्भ ही नहीं हुए। विभाग का मानना है कि शिक्षक को जैसे ही अवसर मिले वो बच्चों को मात्रा व वर्णमाला से परिचित करा दें। वैसे ये भी कहा गया है कि शेष रहे कोर्स को दूसरी कक्षा में पूरा कराया जाये।
बचे हुए काेर्स के साथ बताये प्रस्तावित कालांश
दूसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स के लिए विषयवार सूची जारी की गई है, जिसमें प्रत्येक पाठ का जिक्र करते हुए बताया गया है कि यह पाठ्यक्रम से हटाया गया है या नहीं। अगर नहीं हटाया गया है तो उसके लिए कितने कालांश लगेंगे। जब विभाग ने कालांश लगाने की बात कही है तो स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में स्कूल खोलने का संकेत भी दिया गया है। विभाग की सूची में प्रस्तावित कालांश की बात कही गई है। माना जा रहा है कि शिक्षा सत्र आगे बढ़ाते हुए विभाग अगले एक महीने में स्कूल शुरू कर सकता है। शुरूआत में बड़ी क्लासेज शुरू होगी, जबकि बाद में दूसरी कक्षाओं का नंबर आ सकता है।
अब शिक्षा सत्र की तैयारी
अब शिक्षा विभाग यह तैयारी कर रहा है अगले सत्र को कब शुरू करना है और इस सत्र की परीक्षाओं को कब और कैसे आयोजित करना है। विभाग ने एक वर्कबुक भी तैयार की है, जो सरकारी व निजी स्कूल के बच्चों को दी जायेगी। इसी वर्कबुक के आधार पर शिक्षा विभाग आगामी परीक्षा भी ले सकता है, हालांकि अब तक यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है। वर्कबुक तैयार हो रही है और प्रकाशन के अंतिम चरण में है। विभाग अगर लिखित परीक्षा लेता है तो बच्चों को स्कूल बुलाना होगा, ऐसे में स्कूलों को फिर से शुरू भी करना होगा।