अमृतसर: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर मंगलवार सुबह स्वर्ण मंदिर के बाहर गोली चलने की घटना ने सनसनी फैला दी। इस हमले के दौरान बादल को कोई चोट नहीं आई, और मौके पर मौजूद उनके सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को तुरंत काबू कर लिया। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें हमलावर को पिस्तौल निकालते और फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है।

हमलावर की पहचान गुरदासपुर जिले के निवासी नारायण सिंह के रूप में हुई है। यह वही शख्स है जिसे 2004 के कुख्यात बुड़ैल जेलब्रेक मामले का मास्टरमाइंड माना जाता है। उस घटना में चार कैदी 94 फीट लंबी सुरंग खोदकर फरार हो गए थे। फरार कैदियों में बब्बर खालसा प्रमुख जगतार सिंह हवारा, पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे परमजीत सिंह भियोरा और जगतार सिंह तारा शामिल थे।

अकाल तख्त द्वारा सजा के बाद पहुंचे थे बादल

सुखबीर सिंह बादल को हाल ही में अकाल तख्त द्वारा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी देने और बेअदबी के मामलों में सजा सुनाई गई थी। इसके तहत उन्हें स्वर्ण मंदिर में एक घंटे तक बाथरूम साफ करने, लंगर घर में जूठे बर्तन धोने, कीर्तन सुनने और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करने का आदेश दिया गया था।

घटना के समय सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर के द्वार पर सेवा कर रहे थे। तभी नारायण सिंह ने उन पर हमला करने की कोशिश की। हमलावर के पास से एक पिस्तौल बरामद हुई है, जिससे उसने फायरिंग की। गोली दीवार से टकरा गई, और किसी को चोट नहीं लगी।

बॉडीगार्ड्स की सतर्कता से हमलावर गिरफ्तार

सुबह करीब 9 बजे घटी इस घटना में बादल के सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता ने उन्हें बड़ा नुकसान होने से बचा लिया। वीडियो में दिख रहा है कि हमलावर धीरे-धीरे गेट की ओर बढ़ता है और अचानक बंदूक निकालता है। लेकिन पास खड़े एक सुरक्षाकर्मी ने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया, जिससे गोली दीवार से टकराई। इसके बाद हमलावर को अन्य लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

बुड़ैल जेलब्रेक मामले से कनेक्शन

पुलिस ने बताया कि नारायण सिंह 2004 के बुड़ैल जेलब्रेक मामले का मास्टरमाइंड है। यह मामला तब चर्चा में आया था, जब चार कैदी सुरंग खोदकर जेल से फरार हो गए थे। आरोपी के खिलाफ पहले से ही कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

घटना पर जांच जारी

पंजाब पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हमले के पीछे के मकसद और नारायण सिंह के स्वर्ण मंदिर में मौजूदगी की वजह की पड़ताल की जा रही है। सुखबीर सिंह बादल ने इस घटना पर किसी टिप्पणी से इनकार किया है, लेकिन उन्होंने स्वर्ण मंदिर में सेवा जारी रखने की बात कही है।