बीकानेर। केंद्र ने वैक्सीनेशन से पहले ही सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि एक भी बूंद बर्बाद न हो। तय किया था कि जिनके नाम सूची में हैं, उनके अलावा भी कुछ के नाम रिजर्व में रखे जाएंगे। लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ। सिर्फ 3 दिन में 14 जिलों में 622 डोज बर्बाद हो गईं।
जयपुर में 158, नागौर में 88, उदयपुर में 69, कोटा में 53, भरतपुर में 47, डूंगरपुर में 46, गंगानगर में 44, अलवर में 37 व जाेधपुर में 21 व 5 अन्य जिलों में 59 डोज खराब हुईं।
ये बर्बादी क्यों? टीका सेंटर पर सही अनुपात में लोग नहीं होना
सेंटर पर 10 के गुणांक में लोग नहीं आते हैं तो डोज बर्बाद होती है। जैसे कहीं 100 लोगों को डोज लगनी है, पर 63 आए तो 7 डोज बेकार होती हैं क्योंकि एक वाॅयल में 10 डोज होती हैं और एक बार खुलने के बाद 4 घंटे ही इस्तेमाल हो सकती है।
राेका कैसे जाए? जब तक 10 लोग न हों, नई वाॅयल न खोलें
पहले से ही कॉल करके 100 लोगों को सुनिश्चित किया जा सकता है। ताकि सभी रजिस्टर्ड लोग उसी तय दिन पर आएं। यदि लोग सही अनुपात में नहीं आते हैं तो रिजर्व में रखे गए लोग बुलाए जाएं। सेंटर बेहतर समन्वय करके बर्बादी रोकें।