जयपुर, के दौलतपुरा में तालाब में नहाने का प्लान पांचों दोस्तों ने शनिवार रात को ही बना लिया था। घरवालों को बिना बताए नाबालिग दोस्त अपने-अपने घरों से निकले थे। प्लानिंग के तहत पहले कॉलोनी में माता के मंदिर में दर्शन किए। उसके बाद तालाब पर नहाने पहुंचे थे। मौत के मुंह से बचकर आए तीन दोस्त तालाब के किनारे पर नहाने के कारण बच गए। मरने वाले दोनों दोस्त बीच तालाब में पहुंच गए, लेकिन अचानक मिट्‌टी धंसने से डूब गए। ग्रामीण मोटे रस्से की मदद से तालाब में उतरे। तालाब में मिट्‌टी धंसने से 20 फीट नीचे मिलने दोनों की लाश निकाली। दोनों मृतकों की शव यात्रा व अंतिम संस्कार में कॉलोनी के साथ आखिरी समय नहाने गए दोस्त भी मौजूद थे। हादसे में मनीष गुप्ता (14) पुत्र रघुनाथ और रोहित बुनकर (16) पुत्र बाबूलाल निवासी बालनाथ नगर रोड नंबर-17 विश्वकर्मा की मौत हो गई। मनीष के पिता रघुनाथ गुप्ता परचूनी शॉप करते है। मनीष के घर पर पिछले करीब 4 साल से रोहित परिवार के साथ किराए पर रहता था। रोहित के पिता बाबूलाल एक कंपनी में जॉब करते है। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि पांचों अच्छे दोस्त है। वह पहली बार बिना बताए घर से नहीं गए है। इससे पहले भी वह घूमने जाते रहते थे। सुबह घूमने की प्लानिंग रात को कर लेते थे। जिसके बाद सुबह घरवालों को बिना बताए घर से निकले जाते थे। आंकेड़ा डूंगर स्थित तालाब में नहाने का भी रात को ही प्लान बना लिया था। सुबह करीब 6 बजे घर से निकलने के बाद माता मंदिर के दर्शन कर तालाब पर नहाने पहुंच गए।

एक ने बचाया तो दूसरा साथ डूब गया
तालाब में पांच दोस्तों के डूबने की सूचना पर कॉलोनी के लोग पहुंच गए थे। कॉलोनी के रवि चौधरी और संदीप वर्मा ने बताया कि तालाब पर लोगों की भीड़ लगी थी। ईरशाद, निकिल और अनिकेत तालाब में डूबे अपने दोस्तों के बारे में पूछ-पूछकर रो रहे थे। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि पांचों दो नहाने आए थे। तीन किनारे पर नहाने लगे। दो दोस्त धीरे-धीरे तालाब में आगे बढ़ रहे थे। अचानक मिट्टी धंसने से रोहित डूबने लगा। जिसे बचाने के प्रयास में मनीष भी डूब गया। दोनों को डूबते देखकर किनारे पर नहा रहे तीनों दोस्त चिल्लाने लगे। ईरशाद उन्हें बचाने के लिए भागा तो वहां भी मिट्टी धंस गई। समय रहते पास खड़े अनिकेत ने हाथ पकड़ कर खींच लिया।

20 फीट नीचे मिट्‌टी में धंसा मिला शव
चिल्लाने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग दौड़े। मोटे रस्से की मदद से ग्रामीण तालाब में उतर गए। करीब 15 मिनट की मशक्कत के बाद दोनों दोस्तों के शव मिले। दोनों शव तालाब में करीब 20 फीट नीचे मिट्‌टी में धंसे मिले। दोनों को बाहर निकालकर छाती दबाकर पानी निकालने का प्रयास भी किया, लेकिन दोनों की मौत हो चुकी थी।

प्रशासन की लापहरवाही से बना गड्‌ढा
मृतक मनीष के पिता रघुनाथ का कहना है कि तालाब के पास मिट्टी खनन के कारण बड़ा गड्‌ढा हो गया है। दो दिन भारी बारिश होने से गड्‌ढे भी पूरी तरह से भर गए। पांचों बच्चे सुबह घूमने पहुंचे। एक के बाद एक पानी में उतर गए। मिट्टी धंसने से रोहित डूबने लगा तो बचाने की कोशिश में मेरा बेटा मनीष भी डूब गया। प्रशासन की लापरवाही के कारण हादसा हुआ है। पहले भी वहां कई बार हादसे हो चुके है। प्रशासन ने लेकिन एक बार भी कार्रवाई नहीं की।