बीकानेर। कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बीकानेर तकनीकी विवि अधिनियम के उल्लंघन के मामले में विशिष्ट अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट, पीसीपीएनडीटी कैसेज कोर्ट रेखा रानी ने तकनीकी शिक्षा की संयुक्त सचिव पुष्पा सत्यानी,तकनीकी विवि के कुलपति एच.डी. चारण, कुलपति, रजिस्ट्रार संजय कुमार बंसल के विरूद्व मामला दर्ज करमुकदमा दर्ज कर सीआरपीसी 200 में परिवादी के बयान दर्ज किये एवं सीआरपीसी 202 में थानाधिकारी बीछवाल को जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये। परिवादी अधिवकक्ता सुरेश गोस्वामी ने बताया कि बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी द्वारा 2011 से सैकेड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए धोखा देने की नियत से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर राजकीय शब्द को प्रयोग बिना विधानसभा में विधेयक पारित किये एवं राज्यपाल की अनुमति के बगैर ही राजकीय शब्द का प्रयोग किया जाने लगा। मुल्जिमान पुष्पा सत्यानी को इस बात की जानकारी थी बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी है और जिसका गठन वर्ष 1999 को राजस्थान सोसायटी एक्ट की तहत किया गया था। परिवादी अधिवक्ता द्वारा मुल्जिमान पुष्पा सत्यानी को जरिये जिला कलेक्टर बीकनेर द्वारा बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी द्वारा राजकीय शब्द के दुरूपयोग के मामले में पत्र दिये गये थे। जिसके प्रतिउतर में मुल्जिमान पुष्पा सत्यानी ने परिवादी अधिवक्ता को सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना उपलब्ध करवाई थी कि राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर को राज्य सरकार के द्वारा कोई स्वीकृति जारी नहीं की गई। गोस्वामी ने बताया कि बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी के द्वारा राजकीय शब्द के दुरूपयोग के मामले में माननीय न्यायालय में वाद लम्बित है। पुष्पा सत्यानी,एच.डी. चारण व संजय कुमार बंसल द्वारा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, विधेयक 2017 के नियम 6 उप नियम 3 का उल्लघंंन करते हुए कूट रचित दस्तावेज तैयार कर छल के प्रयोजन से बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज सोसायटी के छात्रों के साथ धोखा देने की नियत से बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यासलय के संघटक कॉलेज के रूप में घटक घोषित कर दिया।
सोसायटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है और सोसायटी द्वारा ही संचालित किये जा रहे है। बावजूद इसके मुल्जिमानों ने बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय विधेयक, 2017 के नियम 6 सब नियम 3 का उल्लंधन किया। परिवादी अधिवक्ता द्वारा मुल्जिमानों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, 471, 120 बी में प्रथम सुचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु पुलिस अधीक्षक बीकानेर को भी परिवाद प्रस्तुत किया था जिस पर आज दिनंाक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
विशिष्ट अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट, पीसीपीएनडीटी कैसेज कोर्ट ने परिवादी अधिवक्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक बीकानेर को दिये गये परिवाद पर कार्यवाही नहीं करने तथा परिवादी द्वारा मुल्जिमान के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद को तथ्य और परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए परिवादी के बयान दर्ज कर सीआरपीसी 202 में मुकदमा दर्ज कर जांच हेतु थाना बीछवाल को जांच करने के आदेश दिये।