रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर:पहले दिन ही पीबीएम अस्पताल की व्यवस्था चरमराई, सीनियर डॉक्टर्स को पहुंचना पड़ा वार्ड्स में, सत्तर जूनियर रेजिडेंट्स देंगे वार्ड में ड्यूटी

अपनी मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स ने मंगलवार को पूरी तरह कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। इससे पीबीएम अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। सीनियर डॉक्टर्स को वार्ड में ड्यूटी करनी पड़ रही है, वहीं सत्तर जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स को भी वार्ड में तैनात किया गया है। उधर, अस्पताल में अत्यावश्यक ऑपरेशन के अलावा अन्य के लिए रोगियों को मना कर दिया गया है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. महिपाल नेहरा ने बताया कि दो दिन से राज्य सरकार को अवगत कराया जा रहा है कि डॉक्टर्स की नीट यूजी की काउंसलिंग करें अन्यथा सभी रेजिडेंट्स कार्य बहिष्कार करेंगे। सामान्य वार्डों का कार्य बहिष्कार करने के बाद भी सरकार हमारी बात को गंभीरता से नहीं ले रही। ऐसे में अंतिम निर्णय संपूर्ण बहिष्कार का रहा। आज से कोई भी रेजिडेंट डॉक्टर किसी भी कार्य में शामिल नहीं हो रहा है।

उधर, इस समस्या से निपटने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. परमेंद्र सिरोही खुद वार्डों में मरीजों को चैक करते नजर आए। डॉ. सिरोही ने मेडिकल यूनिट के सभी वार्ड्स में चक्कर निकालकर एक एक रोगी के बारे में जानकारी ली। वहीं सभी सीनियर डॉक्टर की अब राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगा दी गई है। वहीं सत्तर से ज्यादा जूनियर रेजीडेंट्स को भी वार्ड में भेजा गया है। प्रत्येक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर को वार्डवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉ. गुंजन सोनी ने भी श्वसन विभाग के सभी वार्डों में मरीजों को देखा।

ट्रोमा में बिगड़े हाल

वैसे तो रेजिडेंट्स अस्पताल के सभी वार्डों में चौबीस घंटे काम करते हैं लेकिन ट्रोमा सेंटर में सबसे ज्यादा जरूरत रहती है। किसी भी एक्सीडेंट की स्थिति में सबसे पहले रेजिडेंट्स ही अटेंड करते हैं। हालांकि पहले भी बड़ी दुर्घटनाओं में रेजिडेंट्स हड़ताल के बावजूद भी मौके पर रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *