रेजिडेंट डॉक्टर्स की नहीं बनी बात,देर रात तक चली वार्ता हुई विफल

 

बीकानेर। बीकानेर सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल बुधवार को भी जारी रहेगी। मंगलवार रात सभी कॉलेज प्राचार्यों ने मध्यस्थता करते हुए रेजिडेंट डॉक्टर्स की सरकार से वार्ता करवाई लेकिन पूरी तरह सहमति नहीं बन पाई। उम्मीद की जा रही है कि बुधवार दोपहर तक फिर से वार्ता शुरू होगी और आज समझौता भी हो जाएगा। दरअसल, अधिकांश बातों पर डॉक्टर्स और सरकार में समझौता हो गया है।
मंगलवार रात करीब बारह बजे तक सरकार और डॉक्टर्स के बीच बातचीत चल रही थी। सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल इस कार्य में लगे हुए थे। बीकनेर से डॉ. मुकेश आर्य और अजमेर से डॉ. वीर बहादुर ने रेजिडेंट डॉक्टर्स से बातचीत की। उनकी मांगों को सरकार के समक्ष भी रखा। इस पर अधिकांश मामलों में बातचीत फाइनल हो गई। सहमति भी बन गई लेकिन एक बिन्दू पर बात अड़ गई है। इस पर आज जयपुर में फिर से रेजिडेंट डॉक्टर्स एकत्रित हो रहे हैं। ऑल राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बीकानेर अध्यक्ष डॉ. महिपाल नेहरा भी इसी मीटिंग के लिए जयपुर रवाना हो गए हैं। डॉ. नेहरा ने बताया कि मंगलवार को सरकार हमारी सभी मांगे मान लेती तो आज सभी ड्यूटी कर रहे होते। एक मुद्दे पर सरकार अड़ी हुई है, इसे बुधवार को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। दोपहर तक ही सरकार से वार्ता हो सकती है।
ये सेवाएं हुई बाधित
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में सबसे ज्यादा आउटडोर पर असर पड़ा है। मेडिसिन आउटडोर आमतौर पर रेजिडेंट डॉक्टर्स ही संभालते हैं लेकिन अब यहां कुछ सीनियर डॉक्टर नर आ रहे हैं। इनके अलावा जूनियर रेजिडेंट्स है।
अधिकांश ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए हैं। रोगियों को प्राइवेट अस्पताल की सलाह दी जा रही है, तो कुछ को ऑपरेशन के बजाय दवाओं से कुछ दिन काम चलाने की सलाह दी है।
कोरोना वार्ड में फिलहाल ज्यादा रोगी नहीं है, यहां औपचारिक रूप से रेजिडेंट्स की ड्यूटी लगी थी, लेकिन अब वो भी नहीं है।
डेंगू वार्ड में अब भी मरीजों की भरमार है। यहां मेडिसिन युनिट के कुछ सीनियर डॉक्टर दिन में एक बार चक्कर काट रहे हैं। व्यवस्था चरमरार गई है। नर्सिंग के भरोसे काम चल रहा है।
आंख टेस्ट कराना ही मुश्किल हो गया है। यहां सभी सामान्य ऑपरेशन आगामी आदेश तक स्थगित हो गए हैं।
ट्रोमा सेंटर पर भी रेजिडेंट्स नहीं है, ऐसे में व्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि बड़ी दुर्घटना और गंभीर घायलों की देखभाल रेजिडेंट्स मानवीय आधार पर कर रहे हैं। हालांकि वो ड्यूटी पर नहीं है।
पीबीएम अस्पताल के लगभग सभी विभागों में बुधवार को रोगी भी इसी कारण कम पहुंचे।

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