हजार वर्ष का हुआ खरतरगच्छ, चार दिन चलेंगे धार्मिक अनुष्ठान

बीकानेर। खरतरगच्छ की गौरवशाली परम्परा एवं स्वर्णिम अतीत को 1000 वर्ष पूर्ण हो रहे है। जिसके उपलक्ष में 4 से 8 अप्रेल तक अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। आयोजन से जुड़े जवाहर डोसी ‘पीयूषÓ ने बताया कि पंचान्हिका महामहोत्सव के प्रथम दिवस 4 अप्रेल को प्रात: 8 बजे प्रभू जन्म कल्याणक महोत्सव के लाभार्थी जवाहर डोसी परिवार महिदपुर, 10 बजे श्रीजिनेश्वर सूरी नगरी उद्घाटन स्काई बर्ड रिसोर्ट, नाल के लाभार्थी सरोज अशोक राठी बीकानेर, मेहंदी वितरण 2 बजे कुशलायतन नाल में होगा।

5 अप्रेल को सहस्त्राब्दि मशाल यात्रा प्रात : 6 बजे सत्यसाधना केन्द्र दादावाड़ी नाल से बड़ा उपासरा रांगड़ी चौक आयेगी।इस दौरान सुबह 8 बजे जस्सूसर गेट से बड़ा उपासरे तक मानव श्रखला बनाई जाएगी। जिसमें 2000 के करीब स्कूली बच्चे शामिल होंगे।आयोजक बड़ा उपासरा खरतरगच्छ युवा परिषद, प्रायोजक फार्चुयन आर्ट, प्रदर्शनी उद्घाटन व ध्वजवंदन के लाभार्थी क्रमश: बोथरा परिवार कोलकाता व उत्तम डेवलपर्स महिदपुर, साधर्मिक वात्सल्य, दादागुरुदेव की बड़ी पूजा, साधर्मिक वात्सल्य डागा परिवार बीकानेर की ओर से, एक आध्यात्मिक विरासत विजय फिल्म की प्रस्तुति होगी। 6 अप्रेल को नवकारसी के लाभार्थी मुसरफ परिवार बीकानेर, प्रभू पालकी गुरुभगवंतों सकलश्री संघ व भजन मण्डलियों के साथ गुरुवाणी एवं महामांगलिक,साधर्मिक वात्सल्य,दादागुरुदेव इकतीसा एवं भजन संध्या के कार्यक्रम होंगे।

जिसमें संगीतकार देवेन्द्र बगानी कोलकाता व गुरुभक्त पीन्टू स्वामी बीकानेर अपने भजनों की प्रस्तुति देंगे। चतुर्थ दिवस प्रभातफेरी,सहस्त्राब्दि महोत्सव एवं सत्यसाधना,साधर्मिक वात्सल्य, ध्वजवंदन के आयोजन किये जायेंगे। 8 अप्रेल को प.पू. गुरुदेव श्रीपूज्यजी श्री जिनचन्द्रसूरीजी म.सा. के मार्गदर्शन में 10 दिवसीय सत्यसाधना शिविर का शुभारम्भ होगा। उन्होंने बताया कि आयोजन की सुव्यवस्थित सफलता के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।

इनका आतिथ्य में होंगे आयोजन

पांच दिवसीय आयोजन में मुख्य रूप से सी.ए. शांतिलाल डागा परिवार हैदराबाद, बुलाकीचंद, इन्दरचन्द नाहटा परिवार बीकानेर-मुम्बई, सुन्दरलाल नाहर परिवार महिदपुर-कर्नाटक,इन्दरमल ज्ञानचंद धाड़ीवाल परिवार महिदपुर, ओम डोसी परिवार कोलकाता, सुगनचन्द राजेन्द्र कुमार ककरेचा परिवार उज्जैन, सुरेश रामजी भाई वड़ारिया परिवार सूरत, महोत्सव के स्वर्णस्तम्भ शाह परिवार ऊंझा, लोढ़ा परिवार कोलकाता, बांठिया परिवार बीकाने-कोलकाता, बम परिवार इन्दौर-मंदसौर, बोथरा परिवार चंडीगढ़, शाह परिवार मुम्बई, चौरडिय़ा परिवार अजीमगंज (कोलकाता)। रजत स्तम्भ रुप में 13 परिवार सम्मिलित है।

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