पुलिस महकमे ने भी जारी किए प्रमाण-पत्र लेने के आदेश
बीकानेर/ प्रदूषण प्रमाण-पत्र के अभाव में अब आपकी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। उच्चतम न्यायालय की ओर से बिना प्रदूषण प्रमाण-पत्र वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने संबंधी फैसले के बाद लोगों ने अपने वाहनों का प्रदूषण प्रमाण-पत्र लेना शुरू कर दिया है।
हैरानी की बात यह है कि न्यायालय की ओर से दिए फैसलेे के बाद सरकारी महकमे के अधिकारियों ने भी अपने-अपने वाहनों के प्रदूषण प्रमाण-पत्र बनाने के आदेश देने शुरू कर दिए हैं। आयोजना, आधुनिकीकरण एवं कल्याण के उप महानिरीक्षक पुलिस अशोक कुमार गुप्ता ने पुलिस महकमे से जुड़े वाहनों का प्रदूषण प्रमाण-पत्र लेने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने इस बात की चेतावनी भी दी कि प्रदूषण प्रमाण-पत्र नहीं होने की स्थिति में अगर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द होता है तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की होगी।
परिवहन विभाग ने भी बनाए
प्रदूषण प्रमाण-पत्र नहीं होने की स्थिति में चालान काटने वाले परिवहन विभाग ने भी अपनी गाडिय़ों के प्रदूषण प्रमाण-पत्र बना लिए हैं। हैरानी की बात यह है कि वर्षों से सड़कों पर दौडऩे वाली प्रादेशिक परिवहन विभाग की गाडिय़ों के प्रदूषण प्रमाण-पत्र नहीं थे, जबकि वे दूसरी गाडिय़ों के प्रदूषण प्रमाण-पत्र नहीं होने की स्थिति में चालान काटते थे।
यातायात सलाहकार समिति के हनुमान शर्मा ने बताया कि आने वाले दिनों में प्रदूषण प्रमाण-पत्र नहीं होने की स्थिति में वाहन का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की कार्रवाई को प्रादेशिक परिवहन विभाग शुरू करेगा। इससे पूर्व परिवहन विभाग ने स्वयं अपनी गाडिय़ों का प्रदूषण प्रमाण-पत्र बनाए है।
प्रदूषण प्रमाण-पत्र बनाने वाले खेताराम सियाग ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से प्रदूषण प्रमाण-पत्र बनाने वाले वाहन चालकों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि पहली बार कुछ सरकारी महकमों के अधिकारी भी अपने वाहनों का प्रदूषण प्रमाण-पत्र लेने आ रहे हैं।