महाराष्ट्र-गुजरात में बिक रहीं राजस्थान की बेटियां, पढ़ें खबर

इस बार संडे बिग स्टोरी में पढ़िए बेटियों की दलाली का सच बयां करती रिपोर्ट…

केस 1 : काम के बहाने गुजरात ले जाकर कई बार रेप
मेरा नाम मुस्कान (20) (बदला हुआ नाम) है। सिरोही जिले के पिंडवाड़ा क्षेत्र के आदिवासी इलाके के पहाड़ों में बसे एक गांव में रहती हूं। कुछ दिन पहले पिंडवाड़ा बाजार में देविका नाम की महिला से मुलाकात हुई। जिसे मैं जानती नहीं थी। उसने काम दिलाने के बहाने मेरे मोबाइल नंबर लिए। 6 जुलाई को देविका ने नौकरी दिलाने के बहाने फोन कर बुलाया। वहां पहुंची तो उसने अपने पति वनराज के साथ मुझे ट्रेन में बैठाकर रवाना कर दिया। वो मुझे सिद्धपुर इलाके की एक होटल में ले गया। वहां वनराज ने मेरे साथ रेप किया। इसके बाद उसने मेरे साथ मारपीट की और टेबलेट देकर बेहोश कर दिया। होश आया तो मैं गुजरात के एक सुनसान इलाके में एक मकान में बंद थी। वहां और भी कई लड़कियां कैद थीं। वहां भी वनराज ने मेरे साथ रेप किया। फिर दलपत नाम के एक और आदमी ने मुझे नए-नए कपड़े दिलवाए। दलपत और वनराज दोनों मिलकर हर बार कपड़े बदलकर वहां आए दूसरे मर्दों के सामने पेश करते, लेकिन मेरा रंग सांवला था, तो किसी ने भी मुझे पसंद नहीं किया।मैं ने इस बर्बादी को ही अपनी किस्मत मान लिया था, लेकिन तभी 13 जुलाई को वहां पुलिस की रेड हुई। पुलिस टीम में हेड कॉन्स्टेबल सुमन राठौड़ भी थीं, जो आदिवासी भाषा में बात कर रही थी। मैं उनसे लिपट गई और अपनी पूरी आपबीती बताई। पुलिस ने मुझे और दूसरी लड़कियों को छुड़ाकर अपने घरों तक पहुंचाया। वनराज और दलपत को भी गिरफ्तार कर लिया।

केस 2 : 15 साल की मासूम का अपहरण, पुलिस ने मामला ही दर्ज नहीं किया
दो महीने पहले सिरोही जिले के पिंडवाड़ा क्षेत्र के आदिवासी इलाके की 15 साल की मासूस दीया (बदला हुआ नाम) पिंडवाड़ा बाजार से गायब हो गई। पिता ने थाने में गुमशुदगी की शिकायत दी। शिकायत का पत्र थाने में गुम हो गया और पुलिस ने मामला ही दर्ज नहीं किया। दो महीने तक मां-बेटी दिन-रात बेटी की याद में रोते रहे। हाल में ही पुलिस ने मासूस को तस्करों से छुड़ाया।

मासूस की जुबानी पढ़िए दो महीने तक उसके साथ क्या-क्या टॉर्चर हुआ…
दीया ने बताया 2 महीने पहले वो कपडे़ खरीदने गांव से पिंडवाड़ा बाजार गई थी। इस दौरान उसे वहां एक महिला मिली और उसने उसके नंबर मांगे। जान-पहचान नहीं होने पर उसने नंबर देने से मना कर दिया। इसके बाद वो महिला बातों में फंसाकर एक दूकान में ले गई। वहां नए-नए कपडे़ दिखाए। वहां मौजूद वनराज नाम का युवक उसे काम दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया। शाम हुई तो उसने घर जाने की बात कही। वनराज ने मना कर दिया और एक सुनसान इलाके में उसके साथ रेप किया। होश आया तो वो एक नई जगह पर थी। कुछ दिन बाद वनराज उसे रमिला नाम की एक महिला के पास ले गया। जहां रमिला ने उसे 30 हजार रुपए में खरीद लिया। इसके बाद उसे गुजरात के खेरालु गांव के बाहर एकांत में बने एक मकान में शिफ्ट कर दिया। वहां उसके अलावा एक दूसरी महिला रहती थी, जो 24 घंटे उस पर नजर रखती थी। इधर 13 जुलाई को वनराज और दलपत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने रमिला के घर पर रेड मारते हुए उसे भी गिरफ्तार कर लिया। 14 जुलाई को रमिला की निशानदेही पर पुलिस ने उसे गुजरात के खेरालु गांव से छुड़ाया और उसके मां-बाप के पास पहुंचाया।

इस पूरे रैकेट का सरगना नागजी
सिरोही के पिंडवाड़ा सर्कल के डिप्टी जेठू सिंह करणोत ने बताया कि इस गिरोह सरगना मेहसाणा (गुजरात) का रहने वाला नागजी है। वह अपने गांव डोबड़ा से पूरा रैकेट चलाता है। उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने कई बाद दबिश भी दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। वहीं, गुजरात में खेरालु थाना पुलिस ने बताया कि राजस्थान पुलिस की सूचना पर नागजी की तलाश की जा रही है, लेकिन आरोपी अभी पकड़ में नहीं आया है।

3 तरीकों से बेचा जाता है लड़कियों को

खूबसूरत लड़कियों की मनमानी कीमत : पकडे़ गए दलालों से हुई पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नागजी कम उम्र की खूबसूरत लड़कियों को ऐसे खरीदारों के सामने पेश करता है, जो कोई भी कीमत देने के लिए तैयार होते हैं।

रुपए लेकर शादी करा देते हैं : जिन लड़कियों को कोई नहीं खरीदता, उनका दलाल इतना शोषण करते हैं कि वो उनके हर ऑर्डर को फॉलो करने लगती हैं। इसके बाद इन लड़कियों की पैसे लेकर शादी करा दी जाती है। लड़कियों को ऑर्डर दिया जाता है कि 5-10 दिन में वहां से गहने-रुपए लेकर भाग आना है। दूल्हा अगर गलती से दुल्हन की तलाश में आ जाता है तो उसे मुकदमे की धमकी देकर भगा दिया जाता है। कई लड़कियां तो ऐसी हैं, जिनकी कई बार शादी कराई जा चुकी है।

प्रॉस्टिट्यूशन में धकेल देते हैं : नाबालिग और हर जगह से रिजेक्ट हुई लड़कियों से रुपए कमाने के लिए भी नागजी के पास तीसरा तरीका है। नागजी उन्हें देह व्यापार के बाजार में बड़े ठेकेदारों को एक मुश्त रकम लेकर बेच देता है।

पुलिस के पास फोटो तक नहीं
नागजी कुछ समय पहले तक तो वह गोदाम में नौकरी करता था। लेकिन रातों रात अमीर बनने के लालच में नौकरी छोड़ लड़कियों की तस्करी से जुड़ गया। धीरे-धीरे उसने बड़ा नेटवर्क तैयार कर लिया। अब उसके एक इशारे पर दलाल राजस्थान के गांवों से आदिवासी लड़कियों को बहला-फुसलाकर, खरीदकर और किडनेप कर गुजरात ले आते हैं।

जानवरों की तरह कैद रखते हैं
नागजी के ठिकानों पर दबिश देकर छुड़वाने गई पुलिस टीम ने भास्कर को बताया कि तस्करी कर लाई गई बच्चियों को वहां अंधेरी बस्तियों के खंडहरनुमा मकान में जानवरों की तरह कैद करके रखा जाता है। पुलिस टीम वहां पहुंची तो कई बच्चियां कैद थी। सभी अलग-अलग थाना क्षेत्र की थी। इसके चलते संबंधित पुलिस को सूचना देकर उन बच्चियों को भी उनके घरों तक पहुंचाया गया।

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