राजस्थान में 11 इंच तक हुई बारिश, कई जिलों में बाढ़, गांव बने टापू, पढ़े खबर

जयपुर, राजस्थान में भारी बारिश का दौर दूसरे दिन भी जारी है। उदयपुर, जयपुर, कोटा, अजमेर और भरतपुर संभाग के कई जिलों में 3 से लेकर 11 इंच तक बरसात हुई। तेज बारिश से यहां नदियां-नाले उफान मार रहे हैं। प्रदेश के सबसे बड़े बांधों में शामिल बीसलपुर से पानी छोड़े बिना ही टोंक, सवाई माधोपुर में बनास नदी अपने पूरे वेग के साथ बहने लगी हैं। वहीं, जल्द बीसलपुर के भी गेट खोलने की तैयारी की जा रही है। तेज बारिश का सबसे अधिक प्रभाव हाड़ौती क्षेत्र के जिलों में देखा जा रहा है। कोटा, बारां और झालावाड़ के 50 से अधिक गांव टापू बन गए है। यहां प्रशासन की टीमों को पहुंचने में परेशानी हो रही है। मौसम केन्द्र जयपुर और जल संसाधन विभाग राजस्थान से मिली रिपोर्ट देखें तो पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा बरसात झालावाड़ के डग में हुई। यहां 289MM ( 11 इंच से ज्यादा) बरसात हुई। वहीं, प्रतापगढ़ के अरनोद में 258MM (करीब 10 इंच) पानी बरसा। इसके अलावा अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, झालावाड़ जिलों में भी तेज बारिश हुई। झालावाड़ में तेज बारिश के चलते कालीसिंध बांध के 26 गेट खोले हैं, जिनसे 5 लाख 99,713 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं भीमसागर के 5 , छापी के 10, राजगढ़ बांध 7 के गेट खोलकर लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं, चंबल नदी पर बने राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर, कोटा बैराज के भी अधिकांश गेट खोले गए हैं।

कल से धीमा पड़ेगा तेज बारिश का दौर
मौसम विभाग की माने तो तेज बारिश से लोगों को 24 अगस्त से राहत मिलने की उम्मीद है। कल से इस सिस्टम का असर धीमा पड़ जाएगा और केवल पश्चिमी राजस्थान के कुछ एरिया में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 25 अगस्त को राज्य के अधिकांश एरिया में मौसम साफ रह सकता है।

बीसलपुर बांध में तेज हुई पानी की आवक
अजमेर, जयपुर की लाइफ लाइन माने जाने वाले बीसलपुर बांध में भी पानी की आवक तेज हो गई। गंभीरी डेम से पानी छोड़े जाने के बाद त्रिवेणी नदी का गेज बढ़कर 7.30 मीटर पर पहुंच गया, जिसके चलते बांध का गेज पिछले 24 घंटे के दौरान 313.02 से बढ़कर 313.65 आरएल मीटर पर पहुंच गया। बांध की मॉनिटरिंग कर रहे इंजीनियरों की मानें तो जिस स्पीड से पानी आ रहा है, उसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि बांध के अगले 2-3 दिन में गेट खोलने पड़ सकते हैं। टोंक के नगर फोर्ट में हुई भारी बारिश के बाद टोंक-नैनवा मार्ग पर आवागमन बन्द हो गया। इस मार्ग पर बनी राजाजी पुलिया पर बरसाती नदी का पानी 4 फीट ऊपर बहने लगा। इधर टोंक में कई साल बाद बनास नदी भरकर बहती दिखी। अक्सर ये नदी बीसलपुर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद ही बहती दिखती है। प्रतापगढ़ में तेज बारिश के चलते जिले का मध्य प्रदेश के कई इलाकों से संपर्क कट गया है। यहां काजली पुलिया पर पानी होने से नीमच जाने वाला रास्ता बंद हो गया।

रास्ते बंद, संपर्क टूटा
बारां में ल्हासी और अंधेरी नदी के उफान पर होने के कारण देर रात 10 बजे से ही छबड़ा व छीपाबडौद मार्ग अवरुद्ध है। इधर पार्वती नदी के उफान पर होने से धरनावदा- छबड़ा मार्ग, जलवाड़ा-बराना मार्ग सहित अन्य मार्ग अवरुद्ध है। परवन नदी में उफान के चलते झालावाड़-बारां मेगा हाइवे पर भी आवागमन बंद है। इसके कारण लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ल्हासी डैम के 2 गेट 1 डेढ़ मीटर और 1 गेट 1.70 मीटर खुला है। यहां 198.40 क्युमेक पानी की निकासी की जा रही है।

अब तक सामान्य से 46 फीसदी ज्यादा बरसात
राजस्थान में इस मानसून सीजन की स्थिति देखे तो अब तक सामान्य से 46 फीसदी ज्यादा बरसात राज्य में हो चुकी है। 336.5MM बारिश के मुकाबले 492.8MM औसत बरसात अब तक हो गई। जिलेवार स्थिति देखें तो सबसे ज्यादा बरसात झालावाड़ में 994.7MM बरसात हुई। इसके बाद कोटा में 974.5, सिरोही में 907.5, प्रतापगढ़ में 872.8, बारां में 813, बांसवाड़ा में 787.2, बूंदी 751.2, उदयपुर 715.2, टोंक 656 और डूंगरपुर में 651.2MM बरसात हुई।

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