राष्ट्रीय एकता और सदभावना के प्रतीक प्रो.अशोक आचार्य-जनार्दन कल्ला

बीकानेर। अपने जीवन काल मे सदा देश की जातीय एकता और अखंडता के लिए आपसी सौहार्द के प्रति कार्य करते रहे प्रोफेसर अशोक आचार्य। यह उदगार अपने अध्यक्षीय उदबोधन में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जनार्दन कल्ला ने शहर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में व्यक्त किये।

जनार्दन कल्ला कार्यालय में शिक्षाविद और वरिष्ठ नेता प्रोफेसर अशोक आचार्य की दूसरी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे प्रोफेसर अशोक आचार्य तेल चित्र पर पुष्पहार और पुष्पांजलि अर्पित करते हुए जनार्दन कल्ला ने कहा कि राष्ट्रीय एकता और सदभावना के प्रतीक के रूप में अशोक आचार्य सदैव स्मरणीय रहेंगे जीवन के अंतिम समय मे जब वे बीमार थे तब भी शहर और इसके आम नागरिकों की हितों किंरक्षा के लिए वे भूख हड़ताल पर भी जाने से नही घबराए उनका मकसद रहा कि हर हाल में वे आम लोगो के काम आते रहे।


पूर्व महापौर न्यास अध्यक्ष मकसूद अहमद ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जब देश साम्प्रदायिक आग से जल रहा था तो अशोक आचार्य शहर के बुद्धिजीवी वर्ग और सभी धर्मावलम्बियों को साथ लेकर इस बीकानेर शहर का चक्कर लगाया और बीकानेर को इस आग मे जलने से बचाया सही अर्थो में वो साम्प्रदायिक सौहार्द के मसीहा थे।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्दुल मजीद खोखर ने कहा कि जात पात से परे अशोक आचार्य शिक्षा के प्रति अलख जगाने के लिए लगातार कार्यशाला आयोजित करते रहे।

श्रद्धांजलि सभा को वरिष्ठ उपाध्यक्ष कन्हैयालाल कल्ला, मुकेश राजस्थानी, हीरालाल हर्ष,श्रीमती मोहिनी देवी टाक, श्रीलाल व्यास,ब्लॉक अध्यक्ष रमजान अली कच्छावा,महासचिव विक्की चड्ढा,संजय आचार्य, महिला नेत्री शर्मिला पंचारिया, आशा जोशी, पूर्व पार्षद पप्पू गुर्जर, सचिव एजाज पठान,धनसुख आचार्य,जाकिर पठान प्रवक्ता नितिन वत्सस ने संबोधित करते हुए अशोक आचार्य को श्रद्धासुमन अर्पित किए। अंत मे दो मिनट का मौन रखा गया।

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