शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा के खिलाफ सोमवार को बीकानेर में जमकर विरोध हुआ। उनके खिलाफ पहले कलक्टरी परिसर में नारेबाजी हुई। बाद में कलक्टरी से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक जुलूस के रूप में पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। दरअसल, शिक्षा मंत्री ने पिछले दिनों निजी स्कूलों के विषय में कहा था कि वो धंधा कर रहे हैं। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की फीस नहीं देने की बात से भी स्कूल संचालक मंत्री से नाराज है।

स्कूल शिक्षा परिवार के बैनर तले सोमवार को बड़ी संख्या में लोग कलक्टरी परिसर में एकत्र हुए। यहां मंत्री डोटासरा के खिलाफ नारेबाजी की गई। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मंत्री निजी स्कूलों के संबंध में अमर्यादित भाषा का उपयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं निजी स्कूलों में प्रवेश ले चुके आरटीई के बच्चों की फीस भी नहीं देने की बात कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश का पोर्टल खुला रखा गया है जबकि निजी स्कूलों का पोर्टल बंद हो चुका है। निजी स्कूल में फीस नहीं देने वाले अभिभावकों को सरकारी स्कूल में प्रवेश का खुला न्यौता दिया जा रहा है। इससे न सिर्फ बच्चों की संख्या कम हो रही है बल्कि अभिभावकों में फीस नहीं देने की नीति को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उग्र विरोध करेंगे स्कूल संचालक

स्कूल शिक्षा परिवार ने चेतावनी दी है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं गई तो बीकानेर सहित राज्यभर में उग्र प्रदर्शन किया जायेगा। शिक्षा मंत्री डोटासरा के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र भेजा जा रहा है, जिसमें मंत्री की भाषा पर आपत्ति दर्ज कराया गया है।

स्कूल खोलने की मांग

निजी स्कूल संचालकों ने एक जनवरी से स्कूल खोलने की मांग की है। स्कूल शिक्षा परिवार का कहना है कि एक तरफ सरकार परीक्षा लेने की बात कह रही है, वहीं दूसरी तरफ स्कूल नहीं खोल रही। ऐसे में पढ़ाई नहीं हो रही। ऑनलाइन शिक्षा से स्वयं विद्यार्थी संतुष्ट नहीं है। ऐसे में स्कूलों को कोविड नियमों के तहत खाेलने की अनुमति दी जानी चाहिए।