बीकानेर। 21 फरवरी को आयोजित होने वाले पुष्करणा सावे को लेकर अभी से शहर भर में तैयारियां शुरु हो गई है। शहर की गई संस्थाएं सावे में अपनी सहभागीता निभाती है। इस सावे में सबसे आगे रमक झमक संस्था रहती है जो कई प्रकार की व्यवस्था नि:शुल्क करती है। मंगलवार को रमक झमक के अध्यक्ष प्रह्ललाद भैरु ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 21 फरवरी को बारह गुवाड़ चौक में विष्णु रूपी दूल्हों का सम्मान के साथ साथ बारातियो व आगन्तुको का स्वागत भी होगा । ओझा ने बताया कि पौराणिक विष्णु गणवेश में विवाह करने जाने वाले व निर्धारित समय में व सबसे पहले बारह गुवाड़ चौक में रमक झमक मंच के पास पहुँचने वाले प्रथम दो दूल्हों को सपत्नीक श्रीनाथ जी की यात्रा व 2 दिन 1 रात होटल में ठहराव नि:शुल्क दिया जायेगा ।
बींद राजा पैली आओ,श्रीनाथजी जाओ् पोस्टर का लोकार्पण
साहित्यकार शिवराज छंगाणी,एडवोकेट ओम भादाणी,समाज सेवी रतना महाराज,सतीश किराडू व रमक झमक अध्यक्ष प्रहलाद ओझा भैरु द्वारा किया गया ।
5 दूल्हों को मिलेगा गिफ्ट,बारातियो,प्रवासियों का होगा स्वागत:
21 फरवरी को ही पौराणिक परम्परा का निर्वहन करने वाले विष्णुगनवेषी 5 दूल्हों गिफ्ट व सम्मान पत्र देकर रमक झमक संस्था समान्नित करेगी तथा 19 से 21तारीख के बीच एक दिन सावा देखने के लिये आने वाले पर्यटकों /प्रवासियों का भी रमक झमक की ओर से स्वागत – अभिनन्दन किया जाएगा ।

सावा आदर्श सम्मान:
सावा सस्कृति को बढ़ाने व प्रोत्साहन में सहयोग करने वाले परिवार को जिनके पूरे परिवार ने सावा में विवाह किया है उनको सम्मानित किया जाएगा जिसके लिए रमक झमक संस्था से निर्धारित फॉर्म भरकर आवेदन कर सकते है।
सेवा व सुविधा शिविर:-
सावा को लेकर रमक झमक शीघ्र ही सावा सेवा व सुविधाओ का शिविर शुरू करेगा जिसमें पाग साफ़ा बांधने के लिये दिलीप रँगा, किशन पुरोहित गणेश व्यास व भगवानदास व्यास व्यापरीजी सेवाएं देंगे ।पंडित गोपाल भादाणी व मुकेश छंगाणी की टीम द्वारा लग्न भरने,मुहूर्त सबंधी जानकारी व विवाह में प्रयुक्त सामग्री की प्रिंट सूचि उपलब्ध करवाने की सेवाएं देगी । यगोपवित के पाटी,घोटा,खड़ाऊ,गेडिया व बनडे का बटुआ व वधु परिवार को गुड़ भेली,दूध का मंगल कलश,बड़ पापड़,नारियल नि:शुल्क दिया जाएगा ।
कुरीतियां हटाओ, सावा सुंदर बनाओ गीतों के माध्यम से की जाएगी अपील:-
सावा और अधिक सुंदर कैसे बने व सस्कृति पर कुरीतियों का प्रभाव न आए इसके लिये पेंपलेट व वीडियो गीत के जरिये अपील सन्देश को घर घर पहुचाने का प्रयास करेगा ।
कुम्भ मेले की तर्ज पर सावा:
सैकड़ों वर्ष पुरानी परम्परा व सस्कृति का जीवंत उदाहरण पुष्करणा सावा और इस सस्कृति से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से देश व दुनियां के भारी संख्या में लोग जुड़े है और देखने आते है या फिर अन्य प्रसार माध्यमों देखते, पूरा मीडिया जगत यहाँ होता है, इसबार सावा को कुंभ मेले की तरह लिया जाए और प्रशासन साफ सफाई, रोशनी, पानी, पुलिस व्यवस्था, पर्यटन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दे ताकि शहर की अच्छी छवि विश्व पटल पर नजर आए।