बीकानेर। राजस्थान रोडवेज में कर्मचारियों को अब हड़ताल पर जाना भारी पडऩे वाला है। नवनियुक्त प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने एक आदेश जारी करके कहा कि 24 नवम्बर को हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों को काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धान्त के अनुसार वेतन देय नहीं होगा।आदेशों में कहा गया है कि सरकार के श्रम विभाग की 7 जुलाई की अधिसूचना के अन्तर्गत ट्रांसपोर्ट फोर री कैरिज ऑफ पैसेंजर्स एण्ड गुड्स बाई रोड के कार्यों को लोकोपयोगी सेवा घोषित किया गया है। ऐसे में इस अधिसूचना के प्रभाव में रहते रोडवेज का कोई कर्मचारी या अधिकारी 24 नवम्बर को राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा की ओर से प्रस्तावित हड़ताल में भाग लेता है तो हड़ताल अवधि में काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धान्त के अनुसार उसे वेतन देय नहीं होगा।
…इसलिए निकाला आदेश
करीब 4 साल पहले रोडवेज कर्मचारियों ने प्रदेश स्तर पर 17 दिन लम्बी हड़ताल की थी। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और निजी बसों की ओर से मनचाहा किराया वसूला गया। उस समय रोडवेज को करीब चार करोड़ रुपए के राजस्व से हाथ धोना पड़ा। साथ ही, हड़ताल के दौरान विधानसभा चुनाव की घोषणा होने से सरकार कर्मचारियों की किसी भी काम पर कार्रवाई नहीं कर सकी और कर्मचारी संगठनों को मजबूरी में हड़ताल खत्म करनी पड़ी। ऐसे में रोडवेज प्रबंधन नहीं चाहता है कि एक बार फिर कर्मचारी हड़ताल पर जाए और चार साल पहले जैसी स्थिति बने।