जयपुर। राजस्थान में 26 सितंबर को होने वाली रीट परीक्षा से पहले राज्य सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है. रोडवेज और परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने वाले संस्थानों पर रेस्मा लागू किया गया है. इसमें रोडवेज और अन्य परिवहन संस्थानों को शामिल किया गया है. ष्टस् की सहमति के बाद गृह विभाग ने अन्य परिवनह सेवा को रेस्मा में शामिल किया है. ऐसे में अब रोडवेज और प्राइवेट बस ऑपरेटर से संबंधित कोई भी व्यक्ति न तो हड़ताल करेगा और न हीं हड़ताल में शामिल होगा.
हालांकि प्रदेश में निजी बसों की हड़ताल नहीं होगी. निजी बस यूनियन ने अभी तक इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है. स्टेट कैरिज प्राइवेट बस यूनियन अध्यक्ष कैलाश शर्मा ने फस्र्ट इंडिया न्यूज से बात करते हुए कहा कि निजी बसों की हड़ताल को लेकर गलत खबरें फैल रही है. प्रदेश में निजी बसों का संचालन निर्बाध रूप से जारी है. निजी बस संचालक आज परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मुलाकात करेंगे.
सभी तरह के वाहनों का अधिग्रहण भी कर सकते हैं जिला कलेक्टर:
वहीं दूसरी ओर रीट भर्ती परीक्षा के चलते जिला कलेक्टर सभी तरह के वाहनों का अधिग्रहण भी कर सकते हैं. परिवहन विभाग ने सार्वजनिक परिवहन के सभी वाहनों का अधिग्रहण करने की अधिसूचना जारी की है. इसके साथ ही निजी बसों में रीट अभ्यर्थियों की मुफ्त यात्रा को लेकर भी गाइडलाइंस जारी हो गई है. प्रमुख सचिव परिवहन अभय कुमार ने गाइडलाइंस जारी की है. बसों के रूट को लेकर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति फैसला लेगी. इसके साथ ही निर्धारित मार्गों पर लगाई चेक पोस्ट से बसों की संख्या की गिनती हो सकेगी.
बस संचालकों को कूपन उपलब्ध कराए जाएंगे:
साथ ही चुनाव प्रणाली की तरह बस संचालकों को क्कह्ररु कूपन उपलब्ध कराए जाएंगे. अंतिम भुगतान के समय क्कह्ररु कूपनों की संख्या समायोजित हो सकेगी. मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 67 की उपधारा के अनुसार निर्धारित दरों से बसों का भुगतान हो सकेगा. डिटेंशन चार्ज के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति फैसला करेगी. इसका भुगतान शिक्षा विभाग की ओर से किया जाएगा.