जयपुर। महारानी कॉलेज में छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन के दौरान हुए थप्पड़कांड के बाद हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट का एक फरमान चर्चा में है। प्रदेशभर में इस फरमान का विरोध भी हो रहा है। आदेश के मुताबिक अब छात्र नेता को कार्यालय उद्घाटन करने से पहले वहां के स्थानीय विधायक से परमिशन लेनी होगी। राजस्थान के सभी यूनिवर्सिटीज और उनसे संबद्ध कॉलेज के लिए यह आदेश लागू होगा।
उच्च शिक्षा के इस आदेश के बाद छात्र नेताओं और पॉलिटिकल पार्टी की छात्र इकाई ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। वहीं, मुख्यधारा की राजनीति में सक्रिय पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों ने भी इसे सरकार की तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का तुगलकी फरमान आम छात्रों के खिलाफ है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जारी हुआ ये आदेश पढि़ए-
दरअसल, राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से 24 जनवरी को छात्रसंघ उद्घाटन समारोह के लिए एक आदेश जारी किया गया था। इसमें लिखा गया था कि प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र संघ चुनाव 2022 लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार 26 अगस्त 2022 को संपन्न कराए गए थे। इसका रिजल्ट 27 अगस्त को घोषित कर दिया गया था।
इसके बाद राजकीय और निजी महाविद्यालयों में छात्र संघ द्वारा महाविद्यालय प्रशासन की सहमति से छात्र संघ का उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। महाविद्यालय में छात्रसंघ उद्घाटन समारोह में माननीय विधायक की सहमति उपरांत विधानसभा सत्र के कार्य दिवस को छोड़कर 10 फरवरी 2023 तक ही संपन्न किए जा सकते हैं।