अब 99 फीसदी सामान जीएसटी के 18 प्रतिशत कर स्लैब में

जीएसटी

सिर्फ लग्जरी उत्पादों पर लगेगा 28 प्रतिशत जीएसटी, पिछले 24 घंटे में मोदी सरकार ने किए दो बड़े ऐलान, आम आदमी को मिलेगा फायदा।

नई दिल्ली। अब 99 फीसदी सामान या चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत कर स्लैब में आ जाएंगी। केन्द्र सरकार ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। अब सिर्फ लग्जरी उत्पादों पर ही 28 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

दरअसल, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली हार के बाद बीजेपी में हार के कारणों पर मंथन जारी है। इसी बीच, मोदी सरकार ने आम आदमी को राहत देने के लिए नए सिरे से कवायद शुरू कर दी है। इसी क्रम में पिछले 24 घंटे में मोदी सरकार ने दो बड़े ऐलान किए हैं। आज सरकार ने सभी गरीब परिवारों को फ्री में गैस कनेक्शन देने की बात कही है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को और ज्यादा सरल बनाने के संकेत दे दिए। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि 99 प्रतिशत सामान या चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत के कर स्लैब में रहें। अगर ऐसा हुआ तो कई चीजों के दाम सस्ते हो जाएंगे।

केवल लक्जरी उत्पादों पर लगेगा 28 प्रतिशत जीएसटी

पीएम मोदी ने संकेत दिया कि जीएसटी का 28 प्रतिशत कर स्लैब केवल लक्जरी उत्पादों जैसी चुनिंदा वस्तुओं के लिए होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज जीएसटी व्यवस्था काफी हद तक स्थापित हो चुकी है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं जहां 99 प्रतिशत चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत कर स्लैब में आएं।’

मोदी ने कहा कि आम आदमी के उपयोग वाली सभी वस्तुओं समेत 99 प्रतिशत उत्पादों को जीएसटी के 18 प्रतिशत या उससे कम कर स्लैब में रखा जाए।

मोदी ने कहा कि देश दशकों से जीएसटी की मांग कर रहा था। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जीएसटी लागू होने से व्यापार में बाधायें दूर हो रही है और प्रणाली की दक्षता में सुधार हो रहा है। साथ ही अर्थव्यवस्था भी पारदर्शी हो रही है।

सभी गरीब परिवारों को मिलेगा फ्री एलपीजी कनेक्शन

सरकार ने सभी गरीब परिवारों को फ्री एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने का फैसला लिया है। इस योजना को 2016 में शुरू किया गया। इसके तहत मुख्यत: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था।

इसके तहत उन गरीब परिवारों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया जा सकेगा जिनके पास अभी कनेक्शन नहीं है और जो योजना के मौजूदा प्रावधानों के तहत अभी इसका लाभ पाने के पात्र नहीं थे।

 

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