अजमेर, 16 साल की नाबालिग से रेप के मामले में बुधवार को पोक्सो कोर्ट 1 के न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। जज ने आरोपी को 10 गवाह और 23 दस्तावेज के साथ ही डीएनए एफएसएल रिपोर्ट की पुष्टि पर 20 साल की सजा और 48 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया। जज ने अपने फैसले में कहा- आरोपी के प्रति नरमी का रुख अपनाना उचित नहीं। विशिष्ट लोक अभियोजक रुपेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 18 नवंबर 2020 को पुलिस थाना जवाजा में शिकायत दर्ज करवाई की 17 नवंबर 2020 को उनकी नाबालिग बेटी को पड़ोस में रहने वाला युवक बहला-फुसलाकर भगा ले गया। पुलिस ने मिली शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर 10 दिन बाद अहमदाबाद से पीड़िता को दस्तियाब किया। इस दौरान पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि आरोपी उसे उसके पिता को मारने और एक्सीडेंट करवाने की धमकी देता था। 10 दिन तक उसे अहमदाबाद में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। पुलिस ने नाबालिग पीड़िता के बयानों के बाद आरोपी पड़ोसी को गिरफ्तार कर लिया।

जज ने सुनाया फैसला

विशेष लोक अभियोजक रूपेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि बुधवार को पोक्सो कोर्ट वन के न्यायाधीश बी.एल जाट ने 10 गवाह और 23 दस्तावेज के साथ ही डीएनए, एफएसएल रिपोर्ट की पुष्टि होने पर नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 48 हजार का आर्थिक दंड लगाया। न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि 16 वर्षीय कम उम्र की नाबालिग बच्ची के साथ उसके माता-पिता की अनुमति के बिना बहला-फुसलाकर भगा कर ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए। इस प्रकार का अपराध घ्रणित अपराध है। जिसको देखते हुए अभियुक्त के खिलाफ किसी प्रकार की नरमी का रुख अपनाया नहीं जा सकता।