बीकानेर. PBM Hospital: मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के शुरू होने के साथ ही पीबीएम अस्पताल की मेडिकल रिलीफ सोसाइटी की आर्थिक स्थिति पतली हो गई थी, जो अब तक सुधर नहीं पाई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई बार चर्चा करता है लेकिन कहीं से भी कोई रास्ता सूझ नहीं रहा है। इस वजह से अब प्रशासन ने आय बढ़ाने के लिए मशक्कत शुरू कर दी है। इस संबंध में सोसाइटी की बैठक में इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया गया। पूर्व में भी आय बढ़ाने को लेकर कई बार मंथन हुआ है लेकिन अंतिम निर्णय लेने पर बात अटक जाती है। गत दिनों भी रिलीफ सोसाइटी की बैठक में सोसायटी की आय बढ़ाने पर चर्चा हुई है। इसमें अस्पताल की अन्य संपतियों के साथ-साथ धूड़ी बाई धर्मशाला की दुकानों का किराया बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। साथ ही अस्पताल की जमीन पर बनी अन्य धर्मशालाएं और दुकानों का भी किराया बढ़ाने पर चर्चा हुई है।

धुड़ी बाई धर्मशाला में करीब 19 दुकानें संचालित हैं। इसमें से 16 दुकानों का किराया तो जमा हो रहा है। जबकि तीन दुकानों की कोई जानकारी नहीं है। इसे लेकर अस्पताल प्रशासन यह पता लगा रहा है कि तीन दुकानों के कागजात कहां पर हैं और इनका कितना किराया निर्धारित है। यह भी बताया जा रहा है कि एक दुकान का किराया करीब छह हजार रुपए है। अस्पलाल प्रशासन को यह किराया कम लग रहा है। ऐसे में किराया बढ़ाने पर चर्चा हुई है।

धर्मशाला में करीब बीस कमरे हैं। पूर्व में इन कमरों काे उन लोगों को किराया दिया जाता था, जिनका परिचित अस्पताल में भर्ती होता था। लेकिन अब अन्य धर्मशालाएं होने के कारण इस धर्मशाला में कम ही लोग रहे हैं। साथ ही कमरों की भी मरम्मत नहीं होने के कारण रहने लायक नहीं है। बीस कमरों में से पांच कमरे ही रहने योग्य हैं।

    अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल परिसर में बनी अन्य धर्मशालाओं से भी शुल्क लेने पर विचार किया है। परिसर में मीरा सदन धर्मशाला से भी कुछ शुल्क लेने पर चर्चा हुई। इसके अलावा सोसाइटी की बैठक में अस्पताल परिसर में दुकानों का किराया बढ़ाने तथा खाली पड़ी जमीन पर भी दुकानें बनाने पर मंथन किया गया।

    किराया बढ़ाने पर किया विचार धुड़ी बाई धर्मशाला की दुकानों का किराया बढ़ाने पर सोसाइटी की बैठक में चर्चा हुई है। इसके अलावा अन्य संपतियों का किराया भी बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। – डॉ. परमिन्द्र सिरोही, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल