भारत आ रहे तैल टैंकर में लगी आग पर नौसेना ने पाया काबू, आईएनएस सह्याद्री के कमांडर आकलन में जुटे

भारत नौसेना की मदद से श्रीलंका के तेल टैंकर एमटी न्यू डायमंड पर लगी आग पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया गया है। फिलहाल मौके पर आईएनएस सह्याद्री के कमांडर आग लगने के कारणों की बारीकी से जांच कर रहे हैं। यह तेल टैंकर वर्तमान में श्रीलंकाई तट से 70 किलोमीटर दूर है। भारतीय नौसेना ने बताया कि घटनास्थल पर अब इमरजेंसी टोइंग वेसल ओशन ब्लिस सहित अतिरिक्त चीजें मौजूद हैं जिसकी मदद से हम इसे बाहर निकाल लेंगे। मौके पर मौजूद आईएनएस सह्याद्री के कमांडर की रिपोर्ट के मुताबिक, एमटी न्यू डायमंड पर लगी आग पर काबू पा लिया गया है।। वर्तमान स्थिति का आकलन करने के लिए हवाई टोही की जा रही है।
भारतीय नौसेना ने बताया कि एरियल टोही जारी है और आग अभी भी सुपरस्ट्रक्चर से निकलने वाले धुएं के साथ दिखाई दे रही है। शुष्क रासायनिक पाउडर का भी हवा में ऊपर से छिड़काव किया जा रहा है।

बता दें कि, कुवैत से 270,000 मीट्रिक टन कच्चे तेल को भारत लाने वाले जहाज में गुरुवार को आग पकड़ ली थी। तेल टैंकर में 23 क्रू मेंबर थे जिनमें से 18 फिलिपिंस के और पांच ग्रीक के थे। 23 सदस्यीय चालक दल में से 22 को टैंकर से सुरक्षित बचा लिया गया था, लेकिन इंजन रूम में बॉयलर विस्फोट में एक फिलिपिंस के नाविक की मौत हो गई।

आग को नियंत्रण में लाने के लिए जहाज के चालक दल और श्रीलंकाई नौसेना, वायुसेना ने काफी कोशिश की लेकिन काबू न हो पाने पर भारत से सहायता मांगी गई। इस पर भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने अपने जहाज शौर्य, सारंग, समुद्र पहरेदार और डोर्नियर विमानों को श्रीलंका के तट से 37 समुद्री मील दूर तेल टैंकर ‘एमटी न्यू डायमंड’ पर लगी आग को बुझाने के लिए भेजा। इसके साथ ही भारतीय नौसेना ने आईएनएस सह्याद्री को भी बचाव अभियान शुरू करने और सहायता प्रदान करने के लिए रवाना किया था।

भारतीय नौसेना ने श्रीलंका अधिकारियों के साथ संपर्क में आकर बचाव कार्य शुरू किया। आईसीजी के जहाज शौर्य ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर एमटी न्यू डायमंड में लगी आग बुझाने के लिए पानी और फोम का लगातार छिड़काव किया। इस बचाव और राहत कार्य की देखरेख के लिए डॉर्नियर एयरक्राफ्ट आसमान में चक्कर लगाता रहा। श्रीलंका और भारत के जहाजों और विमानों ने दूसरे दिन शुक्रवार को तेल टैंकर में आग बुझाने के प्रयास तेज कर दिए क्योंकि अधिकारियों ने जहाज के लीक होने या विस्फोट होने पर श्रीलंका तट के आसपास महत्वपूर्ण पर्यावरणीय नुकसान की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद आग की वजह से विस्फोट हो गया।

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