“केंद्रीय श्रमिक संगठनों की 7 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्र व्यापी आम हड़ताल”

बीकानेर। देश के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के लगभग 25 करोड़ कामगार 26 नवंबर को सरकार की श्रमिक विरोधी एवं आम जन विरोधी नीतियों तथा किसान विरोधी कानूनों के विरोध में अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहे । मुख्य मांगो में आय कर ना देने वालों को प्रति माह 7500 रुपये का नकद , सभी जरूरत मन्दो को 10 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह मुफ्त राशन, मनरेगा के कार्यदिवस बढ़ा कर 200 करना,शहरी क्षेत्र में भी रोजगार गारंटी कानून बनाकर रोजगार देना, निजीकरण को रोकना,नई के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करना, समय से पहले अनिवार्य सेवा निवृत्ति कानून को वापस लेना तथा सभी मदद किसान विरोधी एवं श्रमिक विरोधी कानूनों को वापस लेना शामिल हैं।
बैकिंग संगठन आल इंडिया बैंक एम्प्लाइज असोसिएशन के आह्वान पर देश भर के लाखों बैंक कर्मी भी इस हड़ताल में शामिल रहे।बीकानेर में राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन के सचिव श्री वाई के शर्मा योगी एवं उप महासचिव राम देव राठौड़ जय शंकर खत्री के नेतृत्व में भारतीय स्टेट बैंक के अलावा बीकानेर के 800 बैंक कर्मी इस हड़ताल में शामिल हुए जिससे सामान्य काम काज ठप्प रहा।साथ ही लगभग 5 करोड़ का चेक समाशोधन प्रभावित हुआ।योगी  ने बताया कि उपरोक्त 7 सूत्री मांगों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के साथ साथ बैंकों के निजीकरण को रोकने,डूबत ऋणों की त्वरित वसूली करने, बैंकों में ठेका प्रथा को बंद करने,सरकारी बैंकों को मजबूत बनाने,पुरानी पेंशन योजना की बहाली करने एवं जमाओं पर ब्याज दर बढ़ाने को लेकर लाखों बैंक कर्मी भी एक दिवसीय अखिल भारतीय बैंक हड़ताल पर रहे। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल का फायदा उठा कर तमाम संवैधानिक एवं संसदीय परंपराओं की अवहेलना कर के विपक्ष की अनुपस्थिति में देश के मजदूरों एवं  अनुपस्थिति में देश के मजदूरों एवं किसानों के खिलाफ लाये गए कानूनों को पारित करवा कर देश की खेती एवं राष्ट्रीय सार्वजनिक संपत्ति को निजी घरानों को बेचने तथा श्रमिको को गुलाम बनाने का जो निंदनीय कार्य किया है उसके कारण श्रमिक संगठनों के पास हड़ताल कर के विरोध जताने के अलावा कोई रास्ता नही बचा था।उप महा सचिव राम देव राठौड़ ने कहा कि ये हड़ताल सरकार के लिये एक चेतावनी है।अगर सरकार आम आदमी,मजदूर और श्रमिकों के कल्याण को भूल का अपने अड़ियल रवैये पर कायम रहती है तो आगे मजबूरन संघर्ष को और तीव्र किया जाएगा जिसमें संगठनों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल तक प्रस्तावित है। विरोध प्रदर्शन में  महिला सेवा संगठन राजस्थान की ओर से आशा नैनवाल, दीपशिखा अरोड़ा,जाहिरा आदि, बैंक संगठन से उप महासचिव राम देव राठौड़, अक्षय व्यास, किशन डागा,जय शंकर खत्री राजेन्द्र मोदी अशोक मीणा,पृथ्वी सिंह लेघा जिला अध्यक्ष कर्मचारी महासंध,संजय पुरोहित जिलाध्यक्ष शिक्षक संघ शेखावत,अब्दुल रहमान कोहरी जिला महासचिव एटक,हेमंत किराडू अशोक पुरोहित महेंद्र देवड़ा इंटक से,गुलाम हुसैन कमल सिंह बी एस एन एल से,मूलचंद खत्री अनिल सोलंकी गणेश सुथार सीटू सेतथा पर्वत सिंह

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